मध्य प्रदेशरीवा

Rewa news, 20 हजार को 2 लाख और 38 हजार को 3 लाख 38 हजार राशि चेक में ओवरराइटिंग कर आहरण करने वाले समिति प्रबंधक हुए निलंबित।

Rewa news, 20 हजार को 2 लाख और 38 हजार को 3 लाख 38 हजार राशि चेक में ओवरराइटिंग कर आहरण करने वाले समिति प्रबंधक हुए निलंबित।

रीवा: प्रशासक द्वारा जारी किए चेक में 4,38 हजार ओवरराइटिंग और फ्रॉड कर राशि आहरण मामले में नप गए भ्रष्ट समिति प्रबंधक।

 

रीवा : खरीदी समितियों में घोटाला होना अब आम बात हो गई है खरीदी में किसानों के साथ लूट खसोट होती ही रहती है , लेकिन इस बार एक समिति प्रबंधक ने समिति प्रभारी के प्रशासक को ही अपने घोटाले का निशाना बना डाला, ताजा मामला रीवा जिले के गोविंदगढ़ समिति का है जहां पर मजदूरों को भुगतान करने के लिए प्रशासक ने समिति प्रबंधक अनिल चौबे को दो चेक पैसे निकालने के लिए दिए थे जिनमें से एक चेक 20 हजार का था और दूसरा चेक 38 हजार का था , जिसमें अनिल चौबे के द्वारा ओवरराइटिंग करते हुए 20 हजार के चेक को 2 लाख बना दिया गया और 38 हजार के चेक को तीन लाख 38 हजार बना दिया गया और राशि आहरण कर ली गई थी।

भ्रष्ट समिति प्रबंधक पर हुई निलंबन की कार्रवाई

मजे की बात तो यह है अनिल चौबे के द्वारा बैंक से बैंक के ही एक कर्मचारी का सहयोग लेकर बैंक से यह पैसे निकाल भी लिए गए बाद में जब प्रशासक को पता चला तो उनकी हवाइयां उड़ गई इसके संबंध में प्रशासक ने समिति प्रबंधक अनिल चौबे को कारण बताओं नोटिस भी जारी किया था, जिसमें अनिल चौबे के द्वारा नोटिस का जवाब संतोष जनक नहीं दिया गया, बार-बार अनिल चौबे से जवाब प्रस्तुत करने को कहा गया, लेकिन उनके कानों में जूं तक नहीं रेंगी, और अनिल चौबे अपनी सफाई देने और सिफारिस करवाने में नेताओं के यहां घूमते रहे, मामले को दबाने के लिए समिति प्रबंधक के द्वारा कई लोगों को लिफाफे भी बांटे गए लेकिन प्रशासक ने गैर जिम्मेदराना हरकत के लिए और चेक में ओवरराइटिंग एवं कांट छांट किए जाने पर कार्रवाई करते हुए समिति प्रबंधक अनिल चौबे को निलंबन का आदेश पकड़ा दिया है।

4,38,000 की राशि का हुआ बंदरबांट।

अब देखना यह होगा कि उनके निलंबन होने के बावजूद बैंक से निकाली गई 438000 की धनराशि का कहां-कहां तक बंदरबांट हुआ और कौन-कौन इस घोटाले में शामिल है, अगर प्रशासन द्वारा इस मामले की जांच करवाई जाए तो कई और लोगों के इस घोटाले में शामिल होने के नाम सामने आ सकते हैं, मिली जानकारी के अनुसार अनिल चौबे के सगे रिश्तेदार जो कि समितियों के जीएम पद पर विराजमान है उनके द्वारा भी इस मामले को रफू चक्कर करने की खूब दौड़ भाग डिप्टी सीएम तक की गई है।

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