1968 से कांग्रेस के कमलनाथ का अब तक ऐसा रहा ऐसा राजनीतिक सफर।
1968 से कांग्रेस के कमलनाथ का अब तक ऐसा रहा ऐसा राजनीतिक सफर।
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रहे कमलनाथ ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत कांग्रेस में इंदिरा गांधी के समय से की थी उनका बचपन से ही कांग्रेस से जुड़ाव रहा था वो संजय गांधी के साथ पढ़ते थे और संजय गांधी की वजह से ही कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे कमलनाथ ने और वर्ष 1968 से युवा कांग्रेस से राजनीतिक सफर की शुरुआत करने वाले कमलनाथ कांग्रेस पार्टी के नवरत्नों में शुमार रहे हैं इतना ही नहीं पूर्व प्रधानमंत्री स्व इंदिरा गांधी ने कमलनाथ को अपना तीसरा बेटा मानती थी कमलनाथ को अपने बेटे की तरह ही प्यार करती थी। इस बात का जिक्र इंदिरा गांधी ने 1980 में कमलनाथ को छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से टिकट दिया था और भरी सभा में कहा था कि मेरे तीसरे बेटे कमलनाथ को आपलोग वोट दें। देखा जाए तो कांग्रेस पार्टी ने कमलनाथ को वो सबकुछ दिया जिसके लायक थे लेकिन अब जब कांग्रेस की वर्तमान राजनीति में संकट का दौर चल रहा है ऐसे में कमलनाथ का कांग्रेस का साथ छोड़ना कांग्रेस के लिए कमजोर करने की कड़ी हो सकती है लेकिन भाजपा में जाकर कमलनाथ को बड़ी अपॉर्चुनिटी हासिल करने की उम्मीदें कम नजर आती है।
ऐसा रहा कमलनाथ का राजनीतिक सफर।
कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेताओं में शामिल रहे कमलनाथ का राजनीतिक सफर काफी लंबा रहा और कांग्रेस पार्टी के अंदर उनका कद भी काफी बड़ा रहा है कमलनाथ मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र से नौ बार सांसद चुने गए उन्होंने पहली बार 1980 में इस सीट पर जीत दर्ज की थी इसके बाद 1984, 1990, 1991, 1998, 1999, 2004, 2009 और 2014 के चुनावों में छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से जीत दर्ज की थी कांग्रेस पार्टी के केंद्रीय राजनीति में जब पतन शुरू हुआ और केंद्र से कांग्रेस की सत्ता गई इसके बाद वर्ष 2019 में पहली बार छिंदवाड़ा से विधायक बने थे और 2018 में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। उन्होंने 2023 में एमपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़ दिया।
कांग्रेस पार्टी और सरकार के महत्वपूर्ण पदों पर निभाई बड़ी भूमिका।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ कांग्रेस पार्टी और केंद्र सरकार में कई पदों उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी वर्ष 1976 में यूपी युवा कांग्रेस के प्रभारी के रूप में काम किया। इसके बाद 1970 से 1981 तक वह अखिल भारतीय युवा कांग्रेस की राष्ट्रीय परिषद के सदस्य रहे। इसके बाद वह 2000 से 2018 तक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव रहे 2018 से बीते दो माह पहले तक मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद पर रहे हैं तो वहीं कांग्रेस की सरकार रहते 1991 से 1994 तक केंद्रीय वन व पर्यावरण मंत्री, 1995 से 1996 केंद्रीय कपड़ा मंत्री, 2004 से 2008 तक केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्री, 2009 से 2011 तक केंद्रीय सड़क व परिवहन मंत्री, 2012 से 2014 तक शहरी विकास व संसदीय कार्य मंत्री के रूप में काम किया है और मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार में 15 महीने मुख्यमंत्री भी रहे हैं।
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