REWA NEWS : रीवा समाधान आपके द्वार शिविर एवं लोक अदालत का आयोजन कल 24 फरवरी को

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रीवा : समाधान आपके द्वार शिविर एवं लोक अदालत का आयोजन कल 24 फरवरी को

मनोज सिंह : संवाददाता रीवा

रीवा : राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार कल दिनांक 24 फरवरी 2024 को प्रधान जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सुबोध कुमार जैन के मार्गदर्शन में समाधान आपके द्वार योजना अन्तर्गत लोक अदालत तथा शिविर का आयोजन किया जाएगा ,
जिला न्यायाधीश एवं सचिव अहमद रजा ने सर्वसाधारण से आव्हान किया है कि समाधान आपके द्वार योजना अन्तर्गत आयोजित शिविर में राजस्व, पुलिस, वन, विद्युत एवं नगरीय निकाय विभाग के शमनीय आपराधिक मामलो तथा प्री-लिटिगेशन मामलों का सौहार्दपूर्ण वातावरण में आपसी समझौते से निराकरण करायें,
यदि कोई मामला उपरोक्त किसी श्रेणी में आता है तो राजीनामे द्वारा प्रकरण का निपटारा किया जायेगा,
राजस्व विभाग के प्रकरण फसल हानि के लिये आर्थिक सहायता, कुएँ या नलकूप के नष्ट होने पर दी जाने वाली सहायता, वटवारा आदेश के पश्चात नक्शों में बटांकन/ तरमीम तथा तरमीम पश्चात अक्स नक्शा, भूमि का सीमांकन करना, सीमांकन विवादों का निपटारा, नामातरण के मामलों के विवाद की स्थिति में सुलह/समझाईस में विवाद समाप्त करना बटवारा/उत्तराधिकार/ अतिक्रमण प्रकरण रास्ते/जल निकासी व जल स्वोत के उपयोग से सबंधित प्रकरण शामिल है,
पुलिस विभाग के प्रकरण- दण्ड प्रकिया सहिता (1860 का 45) की धाराओं के अधीन राजीनामा योग्य दण्डनीय अपराधों का शमन धारा 320 (2) द.प्र.स. से संबंधित राजीनामा योग्य प्रकरण अन्य दाण्डिक अधिनियमों यथा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 मोटरयान अधिनियम 1988, परकाम्य लिखित अधिनियम 1915 लोकशांति भग के मामले, साधारण मारपीट आदि से संबंधित राजीनामा योग्य प्रकरण। वन विभाग के प्रकरण के मामले जिनका शमन भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 68 के अन्तर्गत आते है निराकरण होगा,
विद्युत विभाग- विद्युत विभाग की सेवाओं में कनेक्शन मीटर बंद या तेज चलने की शिकायत, बिल राशि की वसूली व किस्त सुविधा आदि से संबंधित मामले, विद्युत चोरी या अनधिकृत उपयोग के प्रकरणों से संबंधित मामले तथा नगरीय निकाय विभाग में जलकर, संपत्तिकर, उपभोक्ता प्रभार एवं अन्य करों से सबंधित बकाया वसूली के प्रकरण,
अन्य प्रकरण- दीवानी प्रकरण कुटुम्ब न्यायालय से संबंधित प्रकरण, प्रीलिटिगेशन के माध्यम से ऐसे शमनीय प्रकरण जो अभी न्यायालय में प्रस्तुत नहीं हुये है, आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, प्रधानमंत्री आवास योजना, गैस कनेक्शन, सीएम हेल्पलाईन, समग्र आईडी आदि के प्रकरण, विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 की धारा 22 वी में उलेखित जन उपयोगी सेवाओं के प्रकरण निपटाये जा सकते है।

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