MP news, विधुर/अविवाहित लोगों ने बनाया संगठन सरकार से 5 हजार पेंशन सहित विभिन्न मांगों को लेकर हुए लामबंद
30 वर्ष से 55 वर्ष के विधुर/अविवाहित लोगों ने बनाया संगठन, 5 हजार पेंशन सहित विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने सरकार का खटखटायेंगे दरवाजा।
राष्ट्रीय विधुर/अविवाहित संगठन से जुड़ने के लिए भरी संख्या में जुड़ रहे अविवाहित एवं विधुर।
संजय द्विवेदी।
मैहर। जिले में चल रहे राष्ट्रीय विधुर/अविवाहित संगठन ने जोरदार गति पकड़ते हुए सदस्यता अभियान चलाया जा रहा हैं जिसमे 30 वर्ष से लेकर 55 वर्ष तक के अविवाहित पुरष एवं 30 वर्ष से लेकर 60 वर्ष तक के विधुर राष्ट्रीय विधुर/ अविवहित संगठन में भारी मात्रा में जुड़ रहे है यह संगठन मैहर सतना जिले से होते हुए पूरे मध्यप्रदेश के 55 जिलों में संगठन मजबूत करेगा वा सरकार से अपनी मांगो को मजबूती के साथ रखेगा मध्यप्रदेश में भी विधुर अविवाहित पेंशन 5000 रूपये महीने दी जानी चाहिए, सम्बल योजना में आर्थिक सहयता राशि 5 लाख रुपए होनी चाहिए, विधुर/अविवाहित लोगो को विधुर/अविवाहित आवास योजना मिलना चाहिए, विधुर/अविवाहित तीर्थ यात्रा योजना प्रारंभ किया जाना चाहिए, विधुर/अविवाहित लोगो को 35 किलो राशन दिया जाना चाहिए।
सरकार के समक्ष रखेंगे मांग।
विधुर संगठन के लोगों का कहना है कि सरकार के समक्ष सभी मांगे रखी जायेगी अगर मध्यप्रदेश शासन विधुर अविवाहित संगठन की सभी मांगो को नही मानेगी तो आगामी समय में प्रदेश व्यापी धरना प्रदर्शन हड़ताल आदि तक विधुर अविवाहित संगठन करेगा। मैहर सतना जिले के सभी छोटे से छोटे गांव से लेकर बड़े बड़े गांव शहर के सभी वार्डो नगर पंचायतों आदि सभी जगहों पर राष्ट्रीय विधुर/ अविवाहित संगठन पहुचकर संगठन को मजबूत बनाने का कार्य तेजी से चल रहा हैं यह उक्त जानकारी राष्ट्रीय विधुर/ अविवाहित संगठन प्रभारी विष्णुनाथ पाण्डेय जी ने कहते हुए बताया कि अभी कुछ लोग इस राष्ट्रीय विधुर/ अविवाहित संगठन को हल्के में ले रहे है।
तकलीफों को नहीं सुन रहा कोई।
बता दें कि यह संगठन उन मर्दों का है जो अपनी तकलीफों को भुला नहीं पा रहे हैं परिवार मुसीबत की मार झेल रहा हैं उनके आशू पोछने वाला कोई नहीं है पुरुष होने के नाते अपने आशू किसी को दिखा नही सकते थे वो अब अपने हक के लिए जाग चुके है अविवाहित युवा भी संगठन में मजबूती के साथ जुड़ रहा हैं कुछ अविवाहित युवाओं का कहना हैं कि हम इस राष्ट्रीय विधुर अविवाहित संगठन की लड़ाई को अंतिम निर्णय तक लेकर जायेगे हमारा जीवन अब संगठन के लिए समर्पित है वा रहेगा हमारे आगे और पीछे कोई नही है कोई रोने वाला नही है इसलिए हम पूरी ताकत के साथ अपनी मांगे लेकर ही रहेंगे।