MP news, एक देश एक चुनाव,लोकतंत्र के अनुकूल नहीं, लोकतंत्र बचाने स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव हों: अजय खरे।
MP news, एक देश एक चुनाव,लोकतंत्र के अनुकूल नहीं, लोकतंत्र बचाने स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव हों: अजय खरे।
रीवा 16 मार्च। समता संपर्क अभियान के राष्ट्रीय संयोजक लोकतंत्र सेनानी अजय खरे ने मोदी सरकार द्वारा चलाए जा रहे एक देश एक चुनाव अभियान को अत्यंत गैरजिम्मेदाराना क़दम बताया है। इससे एक दलीय व्यवस्था और तानाशाही को बढ़ावा मिलेगा। श्री खरे ने बताया कि देश में सन 1952 , 1957, 1962 और 1967 में लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ हुए थे लेकिन आगे चलकर अनेक राज्यों और केंद्र में मध्यावधि चुनाव की स्थिति के चलते चुनाव के समय में बदलाव हुआ। श्री खरे ने कहा कि यदि कोई सरकार सदन में बहुमत खो देती है ऐसी स्थिति में वहां फिर से जनादेश की जरूरत होगी। ऐसी स्थिति में एक देश एक चुनाव की बात अव्यवहारिक होगी। श्री खरे ने कहा कि एक देश एक चुनाव पर विचार के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविद की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जाना उनके सम्मान के लिए कतई अच्छा नहीं रहा । इसके पहले किसी भी पूर्व राष्ट्रपति से ऐसा काम नहीं लिया गया। श्री खरे ने कहा कि 2029 में एक देश एक चुनाव अभियान को लागू करने के लिए विभिन्न विधानसभाओं के चुनाव की अवधि में किसी तरह का बदलाव सही नहीं होगा।
श्री खरे ने कहा कि देश की चुनाव प्रणाली में बड़े बदलाव की जरूरत है। जनता को जन प्रतिनिधि वापस बुलाने का अधिकार होना चाहिए। जनता को यह भरोसा मिलना चाहिए कि उसका वोट सही जगह गया है। चुनाव में दारू मुर्गा साड़ी रुपए तरह तरह के प्रलोभन और भय आदि का दुरुपयोग पूरी तरह बंद होना चाहिए। प्रत्याशी का चुनावी खर्च सरकार को उठाना चाहिए। सभी उम्मीदवारों को प्रचार प्रसार के लिए एक जैसे साधन उपलब्ध कराए जाना चाहिए। जाति धर्म के आधार पर वोट मांगने वालों को चुनाव लड़ने से वंचित किया जाना चाहिए।
श्री खरे ने कहा कि देश की राजनीति को बदलने की जरूरत है । इसके लिए चुनाव प्रणाली को जनाभिमुख बनाना होगा। महंगे चुनाव देश में लोकतंत्र को खत्म कर रहे हैं, इसके चलते पूंजीवादी वर्चस्व बढ़ता जा रहा है। इलेक्टोरल बांड इसका ज्वलंत उदाहरण हैं। राजनीतिक दलों की चंदाखोरी पर अंकुश रखा जाना चाहिए। राजनीतिक दलों एवं उम्मीदवारों का चरित्र पारदर्शी हो। जनता ऐसे उम्मीदवारों को चुन सके जो उसका सही प्रतिनिधित्व कर सकें और देश समाज के साथ किसी तरह की सौदेबाजी और खिलवाड़ करने से बाज आएं। श्री खरे ने कहा कि लोकतंत्र बचाने के लिए स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव की जरूरत है। चुनाव भय और प्रलोभन मुक्त होना चाहिए।