मध्य प्रदेशरीवा

Rewa news, शराब ठेके में लगाई गई फर्जी बैंक गारंटी का मामले में दोष सिद्ध होने के बाद भी Fir दर्ज कराने कतरा रहे जिम्मेदार।

Rewa news, शराब ठेके में लगाई गई फर्जी बैंक गारंटी का मामले में दोष सिद्ध होने के बाद भी Fir दर्ज कराने कतरा रहे जिम्मेदार।

रीवा । दिल्ली की आबकारी नीति और घोटाले की पूरे देश में चर्चा है आरोप के आधार पर मुख्यमंत्री सहित कई लोग जेल में बंद हैं लेकिन मध्यप्रदेश में हुए घोटालों पर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है सामाजिक कार्यकर्ता एड बी के माला ने इस पूरे मामले का खुलासा करते हुए बताया था कि शराब दुकानों के ठेके में उपयोग की गई फर्जी बैंक गारंटी का मामला ठंडे बस्ते में पहुंच गया है। जांच में आरोप सिद्ध होने के बाद भी संबंधितों पर कानूनी कार्रवाई अब तक नहीं हो सकी है। या यूं कहें कि जिम्मेदार अधिकारी एफआईआर दर्ज कराने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। जबकि इसी मामले में बीजी जारी करने वाले बैंक प्रबंधक को सस्पेंड किया जा चुका है। लेकिन वेरी फायर की भूमिका निभाने वाले आबकारी उप निरीक्षक और जिला आबकारी अधिकारी पर आंच तक नहीं आई।

उलेखनीय है कि वितीय वर्ष 2023-24 के लिये 1 अप्रैल से शराब दुकानरों का नया ठेका हुआ था। दुकान हैंडओवर करने से पहले आबकारी विभाग ठेकेदारों से बैंक गारंटी जमा कराता है। लेकिन ठेकेदारों ने इस बैंक गारंटी में ही खेल कर दिया है। इसको शिकायत अधिवक्ता बीके माला ने संभाययुक्त से की थी। जिसके बाद जांच टीम गठित की गई और पूरे मामले की जांच कराई गई। जांच में टीम आरोप सही पाया है। जांच रिपोर्ट में टीम ने लिखा है कि नागेन्द्र सिंह उत्कालीन प्रभारी शाखा प्रबंधक मोरबा द्वारा ही किये गये बैंक गारंटी के विरुद्ध बंधक के रूप में कोई भी संपति नहीं ली गई है। न तो कोई अमानत राशि जमा कराई गई है। जो बैंकिंग नियम के विरुद्ध है। यह पूरा खेल जिला आबकारी अधिकारी एवं उप निरीक्षक मनोज बेलवंसी की सह पर ठेकेदारों ने किया था। यही वजह थी कि वेरीफाई करते वक्त भी फर्जी बीजी पर ठेका दे दिया गया। लेकिन इस मामले में अब आगे की कार्रवाई नहीं हो रही है। जांच रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।

तीन सदस्यीय टीम ने किया था जांच।

संभागायुक्त से शिकायत के बाद मुख्ण कार्यपालन अधिकारी सहकारी केंद्रीय बैंक सीधी ने तीन सदस्यी जांच टीम बनाया था। जिसमें काशी विषेशर जयसवाल शाखा, प्रबंधक शाखा बरगवां , गुंजारी लाल तिवारी प्रभारी शाखा प्रबंधक शाखा बैढन एवं कमलेश कुमार चोबे प्रभारी शाखा प्रबंधक शाखा मोरवा शामिल थे। उक्त टीम ने पूरे मामले की जांच किया और प्रतिवेदन सौंप दिया है। जिसमें आरोप सही पाये गये हैं।

ये बैंक गारंटी निकली फर्जी।

पार्टी का नाम

*मां लक्ष्मी इंटर प्राइजेज प्रो. निपेन्द्र सिंह बैकुंठपुर समूह
14666000*

मां लक्ष्मी इंटर प्राइजेज प्रो. निपेन्द्र सिंह हनुमना समूह
12777000

माँ लक्ष्मी इंटरप्राइजेज प्रो. निपेन्द्र सिंह नईगढ़ी समूह
9030000

माँ लक्ष्मी इंटरप्राइजेज प्रो निपेन्द्र सिंह देवतालाब समूह 10697000

उपेन्द्र सिह मऊगंज समूह
9278580

आदित्य प्रताप सिंह रायपुर कर्दू समूह। 7810060

सर्किल प्रभारी की भूमिका संदिग्ध।

इस पूरे मामले में सर्किल प्रभारी मनोन बेलवंशी की भूमिका संदिग्ध है। बताया गया है कि महालक्ष्मी ग्रुप के ठेके जिले में कई सर्किल में है। इसके बावजुद सर्किल प्रभारी मनोन बेलवंशी से ही सत्यापन कराया गया है। दवा किया गया है कि फर्जी बैंक गारंटी को मान्य करने में श्री बेलवंशों का पूरा हाथ है। वहीं जिला आबकारी अधिकारी अनिल जैन की संलिप्तता भी साफ नजर आ रही है! लेकिन बावजूद इसके दोनों अधिकारी अब भी अपनी कुर्सी पर जमे हुये हैं और शराब ठेका में खेला कर रहे हैं।

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