Rewa news, अष्टभुजा धाम में टैक्स वसूली पर उठे सवाल पूजा पाठ और मंदिर को कमाई का जरिया बनाना शासन की गलत नीति एड प्रवीण पाण्डेय।

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Rewa news, अष्टभुजा धाम में टैक्स वसूली पर उठे सवाल पूजा पाठ और मंदिर को कमाई का जरिया बनाना शासन की गलत नीति एड प्रवीण पाण्डेय।

मऊगंज जिले के नई गढी़ स्थित माता अष्टभुजी मंदिर पांच सौ वर्षो से लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है जहां लाखों भक्त नवरात्रि में दर्शन के लिए दूर दूर से आते है माता अष्टभुजी धाम में इस वर्ष से टैक्स वसूली का अभियान चलाये जाने को लेकर वरिष्ठ अधिवक्ता प्रवीण कुमार पांडेय ने गलत ठहराते हुए कहा कि धर्म को धंधा और मंदिर को आमदनी का स्रोत बनाना सर्वथा अनुचित है नगर परिषद नईगढ़ी द्वारा इस वर्ष से जिस तरह से टैक्स वसूली की जा रही है वह आस्था पर कुठारा घात है श्री पांडेय ने कहा कि कई ऐसे भक्त भी रहते है जो काफी गरीब हैं और जो माता रानी के दर्शन पूजन के लिए आते हैं और मंदिर परिसर में ही सत्यनारायण भगवान की पूजा करते और कथा सुनते हैं इसके साथ ही मंदिर के पास बने सेड में आसपास के गांवों के कुछ पुरोहित आकर नित्य पूजा पाठ कराते हैं।

बीते 500 वर्षों से लोगों की आस्था का केंद्र बने अष्टभुजा धाम में बीते वर्षों तक किसी भी प्रकार की टैक्स या वसूली नहीं की जाती थी लेकिन अब नगर परिषद नईगढी़ द्वारा जजमानों और पंडितों से 50- 50 रुपए टैक्स लिया जाने लगा है मुंडन संस्कार कर्णवेधन संस्कार में टैक्स लगाया जाने लगा है और माँ अष्टभुजा धाम में नगर परिषद नईगढ़ी के द्वारा पुरोहितों एवं पूजा कराने वालों से (जजिया टैक्स) की शुरुआत इस नवरात्रि से कर दी है।

श्री पांडेय ने कहा कि वर्तमान सत्ता में हिंदूवादी बीजेपी सरकार है और धार्मिक स्थलों को शासन का कमाई का जरिया बनाना सर्वथा अनुचित है अगर मंदिर को सरकार आमदनी का स्रोत बनाने लगेगी तो देवी देवताओं और मंदिर से आस्था रखने वाले सनातनी लोगों और पूजा पाठ कथा वाचन कर जीविकोपार्जन करने वाले पुरोहितों को आर्थिक रूप से दंड देने जैसा प्रतीत होता है श्री पांडे ने कहा कि देवतालाब क्षेत्र के विधायक पूर्व विधानसभा अध्यक्ष को इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए और मंदिर और धर्म को धंधा बनाने की प्रवृत्ति पर रोक लगनी चाहिए।

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