शहडोल संभाग के राजस्व अधिकारियों की बैठक में कमिश्नर ने कहा देर से किए गए न्याय का प्रभाव हो जाता है कम।
शहडोल संभाग के राजस्व अधिकारियों की बैठक में कमिश्नर ने कहा देर से किए गए न्याय का प्रभाव हो जाता है कम।
शहडोल – देर से किए गए न्याय का प्रभाव कम हो जाता है पक्षकार को समय पर त्वरित न्याय मिले तथा न्यायालय के निर्णय का प्रभावी क्रियान्वयन हो तभी न्याय से प्रभावित व्यक्ति लाभान्वित होता है। संभाग के सभी राजस्व न्यायालयों के पीठासीन अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि उनके न्यायालय में चल रहे प्रकरणों का समय सीमा में गुणवत्ता के साथ निराकरण हो। यह निर्देश आयुक्त शहडोल संभाग श्री बीएस जामोद ने आयुक्त सभागार में आयोजित शहडोल संभाग के राजस्व अधिकारियों की बैठक के दौरान दिए।
कलेक्टर अनूपपुर आशीष वशिष्ट, कलेक्टर शहडोल तरूण भटनागर, कलेक्टर उमरिया धरणेन्द्र कुमार जैन, उपायुक्त राजस्व श्रीमती मिनीषा पाण्डेय, संयुक्त आयुक्त विकास मगन सिंह कनेश, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत शहडोल राजेश जैन,अपर कलेक्टर अनूपपुर अमन वैष्णव , अपर कलेक्टर उमरिया शिव गोविन्द मरकाम, संभाग के समस्त एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार उपस्थित रहे।
आयुक्त शहडोल संभाग ने कहा कि राजस्व न्यायालयों का संचालन समय पर निवर्तन तथा पक्षकार को समय पर निर्णय उपलब्ध कराना राजस्व अधिकारियों का मूल दायित्व है। आपने निर्देश दिए कि राजस्व न्यायालयों मे शत प्रतिशत निराकरण ऑनलाईन आरसीएमएस में पंजीकृत हों। प्रकरणों का निराकरण समय सीमा में हो पक्षकारों को बार-बार न्यायालय के चक्कर नहीं काटना पड़े। एक वर्ष से अधिक समय से राजस्व न्यायालयों में चल रहे सभी प्रकार के प्रकरणों का निराकरण एक माह के भीतर सुनिश्चित किया जाए। आपने कहा कि नामान्तरण सीमांकन बटवारा आदि के प्रकरणों तथा दाण्डिक प्रकरणों का निराकण समय पर हो जाए।