Shahdol news, सिविल अस्पताल ब्योहारी में इलाज के आभाव में 6 वर्ष के बच्चे की हुई मौत परिजनों ने किया हंगामा।

Shahdol news, सिविल अस्पताल ब्योहारी में इलाज के आभाव में 6 वर्ष के बच्चे की हुई मौत परिजनों ने किया हंगामा।

1050 रूपए लेने के बाद भी नहीं हुआ इलाज बी एम ओ की लापरवाही सामने आई

परिजनों ने कि सिविल अस्पताल में पदस्थ डाक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग।

 

अरुण तिवारी

शहडोल जिले के ब्योहारी स्थित सिविल अस्पताल ब्योहारी में चिकित्सा व्यवस्था चरमराई हुई है अस्पताल में अव्यवस्थाओं का आलाम यह कि लोग इलाज के आभाव में दम तोड रहे हैं ताजा मामला जो सामने आया है उसके अनुसार गोपालपुर बुढ़वा से रमेश विश्वकर्मा अपने 6 वर्ष के बच्चे को लेकर इलाज कराने के लिए बीते दिन सिविल अस्पताल ब्योहारी सुबह छः बजे पहुंचे और बच्चे को भर्ती किया गया तथा ड्यूटी पर तैनात डाक्टर के पास जाकर बच्चे के गंभीर हालत हालत में होने का हवाला देकर इलाज करने के लिए बोला लेकिन डाक्टर ने समय पर इलाज शुरू नहीं किया और जांच के नाम पर 1050 रुपए भी ले लिए गए और इलाज न होने के कारण बच्चे की मौत हो गई इस घटना के बाद परिजनों का सिविल अस्पताल परिसर ब्योहारी में रो रोकर बुरा हाल था डाक्टर की लापरवाही का आरोप लगाते हुए पीड़ित परिजनों ने डाक्टर के ऊपर कारवाई किए जाने की मीडिया के माध्यम से आवाज उठाई है जब इस घटना को लेकर मीडियाकर्मियों द्वारा बी एम ओ से बात की गई तो कहा कि पैसे किसने लिए बताइए तो कारवाई की जाएगी।

अब सवाल यह उठता है कि सरकारी अस्पताल में डाक्टर ड्यूटी के दौरान समय पर इलाज क्यों नहीं शुरू करते जबकि यही डॉ जब अपने निजी क्लीनिक में बैठे होते हैं और मरीज उनको दिखाने जाता है तो ब्यहार भी अच्छा करते हैं और इलाज भी लेकिन वही डॉक्टर जब सरकारी अस्पताल में बैठते हैं तो उनके स्वभाव व्यवहार में फर्क दिखाई देता है जबकि सरकार उनको अच्छा वेतन मान सम्मान सबकुछ देती है सरकार ही इनकी महंगी पढ़ाई में धन खर्च करके उस लायक बनाती है कि देश और जनता के काम आ सकें लेकिन सरकार की मंशा अनुरूप डाक्टर काम नहीं करते और जहां निशुल्क इलाज और जांच की व्यवस्था सरकार ने दिया है वहां भी गरीबों से जांच के नाम पर रुपए ऐंठना सरकार के सिस्टम पर तमाचा मारने से कम नहीं है।

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