मध्य प्रदेश

जिला शिक्षा अधिकारी सतना ने जिले भर के प्राचार्यों से मिलकर डकारें 7 करोड़ 65 लाख रुपए।

जिला शिक्षा अधिकारी सतना ने जिले भर के प्राचार्यों से मिलकर डकारें 7 करोड़ 65 लाख रुपए।

 

विराट वसुंधरा/ रामानन्द शुक्ला
सतना। विभागीय अधोसंरचनाओं के अनुरक्षण हेतु लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल के वित्त विभाग की स्वीकृति क्रमांक — भवन/ अ/ 9545/ 03/ 2022/ 371 भोपाल दिनांक 03/8/22 को सतना जिले की हाई स्कूल, एवं हायरसेकंडरी स्कूलों की क्षतिग्रस्त हुई अधोसंरचनाओं की मरम्मत एवम् निर्माण कार्य कराए जाने हेतु जिलेभर की 255 विद्यालयों के लिए ₹ 300000 (तीन-तीन लाख) प्रति विद्यालय के मान से कुल 255 विद्यालय भवनों की मरम्मत हेतु 7 करोड़ 65 लाख रुपए आवंटित किए गए थे। राशि खर्च किए जाने के लिए विद्यालयों के प्राचार्य को निर्देशित किया गया था कि उनके विद्यालयों की जो भी क्षतिग्रस्त अधोसंरचनायें हैं उनकी मरम्मत का कार्य इस राशि से किया जाय। इसी राशि के खर्च हेतु विधिवत्त निविदा आमंत्रित कराई जाने के उपरांत विद्यालय में मरम्मत एवं निर्माण का कार्य कराया जाए। यदि कार्य पूर्ण कार्य पूर्ण होने के बाद से अब तक उन विद्यालयों का निरीक्षण किया जाए, तो बड़े व्यापक पैमाने पर उक्त राशि में बंदर वांट नजर आती है क्योंकि विद्यालयों में शाशन द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुरूप वांछित कार्य कराए ही नहीं गए, और बड़े गुपचुप तरीके से उक्त राशि का बंदर बांट कर दिया गया।

 

इतना ही नहीं विद्यालयों की मरम्मत हेतु क्षेत्रीयता का भी विशेष ध्यान दिया गया और अधिकांश भाजपाई कार्यकर्ताओं को दो दो तीन तीन विद्यालयों में उक्त मरम्मत के कार्यों को कराए जाने की जवाब देही निविदा आमंत्रण में सेटिंग कर कराई गई। यह सारा कार्य आगामी चुनावों की व्यवस्थाओं के लिए कराया गया लगता है ।ऐसा प्रतीत इसलिए होता है क्योंकि विद्यालय में मरम्मत के कार्य हेतु निविदाएं भाजपा कार्यकर्ताओं की ही स्वीकृत की गई भाजपा सरकार द्वारा अपने कार्यकर्ताओं को खुश करने के लिए इस तरह के मैनेजमेंट किए जाते हैं। यह भी काबिले गौर है।

 

सतना जिले के नागौद ,सोहावल, उचेहरा, रामपुर बघेलान, अमरपाटन, रामनगर, मैहर एवं मझगवां विकासखंड अंतर्गत 255 हायर सेकेंडरी एवं हाई स्कूलों में स्थित अधो- संरचनाओं की मरम्मत हेतु -सात करोड़ 65 लाख रुपए आवंटित किए गए थे, जिनका विधिवत बंटवारा कर लिया गया और किसी भी विद्यालय में ढंग का कार्य नहीं कराया गया। इस बात को लेकर संबंधित क्षेत्रों में चर्चाओं का बाजार गर्म है, यह कहा जा रहा है कि यह राशि चुनाव मैनेजमेंट व अपने चहेतों के बीच हजम करा दी गई आवश्यकता है इस प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की मांग की गई है।

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