Shahdol news, दुर्घटना होने के बाद ही क्यों पता चलता है रेत का अवैध कारोबार -?
Shahdol news, दुर्घटना होने के बाद ही क्यों पता चलता है रेत का अवैध कारोबार -?
ASI और पटवारी की हत्या के बाद भी शहडोल जिले में नहीं थमा अवैध रेत कारोबार।
विराट वसुंधरा।
शहडोल, सीधी, सिंगरौली, जिले में रेत माफियाओं का कारनामा तभी सामने आता है जब कोई दुर्घटना घटित होती है फिर चाहे शहडोल जिले में 15 दिन पहले पुलिस एएसआई महेंद्र बागरी की ट्रैक्टर से कुचलकर की गई हत्या हो या फिर छ महीने पहले पटवारी की रेत माफियाओं द्वारा की गई हत्या हो ऐसी बड़ी घटनाओं पर प्रशासन जागता है और बड़ी बड़ी कार्रवाई करता है सैकड़ों अवैध रेत परिवहन कर रहे वाहनों को एक ही दिन में जब्त कर लिया जाता है और कुछ दिन बाद हालात फिर जस के तस हो जाते हैं जाहिर सी बात है कि जब प्रशासन बड़ी घटनाओं के बाद एक ही दिन में सैकड़ों वाहन जब्त करता है तो रोजाना इतने य इससे अधिक वाहन अवैध परिवहन करते ही हैं, बस कार्यवाही के नाम पर एक य दो दिन होती है इसके बाद मामला शांत प्रशासनिक कार्यवाही शांत लेकिन जब कहीं रेत से लदे वाहन एक्सीडेंट करते हैं तो वह वाहन अवैध परिवहन करते ही पाया जाता है ऐसे में यही मायने निकाले जा सकते हैं कि रेत माफियाओं का अवैध कारोबार निरंतर जारी रहता है और जिला प्रशासन, खनिज विभाग, पुलिस विभाग, परिवहन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी धृतराष्ट्र की तरह बने रहते हैं।
सड़क दुघर्टना से खुली पोल।
शहडोल जिले के लालपुर बस स्टैंड बुढार हाईवे पर बीते दिन एक तेज रफ्तार हाइवा ने दो मवेशियों को कुचल दिया था जिसमें दोनों मवेशियों की दर्दनाक मौत मौके पर हो गई थी और अनियंत्रित होकर ट्रक पलट गया जिसके कारण हाइवे सड़क पर जाम लग गया सड़क दुघर्टना की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और लगभग एक घंटे बाद यातायात व्यवस्था बहाल हुई।
दुर्घटना के बाद ही अवैध कारोबार का होता है खुलासा।
सूत्रों के हवाले से पक्की खबर है कि ट्रक क्रमांक MP 18 GA- 4433 से अवैध रेत का परिवहन किया जा रहा था। हादसे के बाद रेत कारोबारी ने आनन-फानन में रेत संबंधित सभी दस्तावेजों को तैयार किया था इस मामले में थाना प्रभारी बुढ़ार द्वारा बताया कि रायल्टी पर्ची के अनुसार रेत अमलाई के चाका खदान से पाली के लिए ले जा रही थी आरोपी ड्राइवर मौके से फरार हो गया था और पुलिस ने मामला दर्ज कर वाहन को जब्त कर घटना की जांच शुरू कर दिया है, देखा जाए तो जब कोई दुर्घटना घटित होती है तभी रेत का अवैध कारोबार सामने आता है और अगर दुर्घटना घटित नहीं होती तो रेत माफियाओं का अवैध कारोबार संबंधित जिम्मेदार विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों की नजर में वैध होता है।