कर्मचारी संघ रीवा का अपनी विभिन्न मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी बैंक के समस्त कार्यो का किया बहिस्कार।
कर्मचारी संघ रीवा का अपनी विभिन्न मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी बैंक के समस्त कार्यो का किया बहिस्कार।
रीवा जिले में विगत दिनांक 06. सितंबर.2023 से जिला सहकारी बैंक कर्मचारी संघ रीवा का आन्दोलन निरंतर जारी है।
सहकारिता विभाग के आंदोलन में शामिल हुए अधिकारियों कर्मचारियों ने कहा कि म.प्र. शासन द्वारा हमारे साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है अपने कर्मचारियों को 2006 से छठवें
बेतन का लाभ दिया गया है तथा समय-समय पर देय मंहगाई भत्ता एवं बेतन वृद्धि का लाभ भी दिया जा रहा है। उक्त के अनुक्रम में आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाऍ भोपाल के द्वारा जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक कर्मचारियों को भी अप्रैल 2011 से छठवॉ बेतन स्वीकृत किया गया है।
इसके परिपालन में जिला सहकारी बैंक मर्यादित, रीवा के द्वारा बैंक कर्मचारियों को 01.04. 2011 से छठवें बेतन का निर्धारण किया जाकर जुलाई 2012 से आर्थिक लाभ दिया गया है किन्तु वित्तीय मानदण्डों का आधार लेकर 2015 से मंहगाई भत्ते एवं बेतनवृद्धि का लाभ रोक दिया गया है जबकि प्रदेष की अन्य कई सहकारी बैंकों के घाटे में होने के बावजूद भी उन्हें सातवें बेतन का लाभ दिया जा रहा है। आयुक्त सहकारिता के द्वारा जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, रीवा के कर्मचारियों का छठवॉ बेतन स्वीकृत किया गया है तथा सभी कर्मचारी नियमित रूप से मंहगाई भत्ता एवं बेतन वृद्धि पाने के पात्र हैं। किन्तु मध्य प्रदेश शासन के द्वारा तानाशाही रवैया अपनाते हुए कर्मचारियों को मंहगाई भत्ता एवं बेतन वृद्धि की स्वीकृत न दी जाकर कर्मचारियों के मौलिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है। उक्त के संबंध में कर्मचारी संघ द्वारा अपने पत्र दिनांक 17. 08.2023 के माध्यम से दिनांक 06.09.2023 से बैंक कार्य के वहिष्कार का सूचना पत्र जारी किया गया है किन्तु अभी तक आयुक्त सहकारिता के द्वारा कर्मचारियों की माॅगों पर कोई विचार नहीं किया गया है।
जिससे सभी कर्मचारी विवश होकर दिनांक 06.09.2023 से अनिश्चित कालीन बैंक के समस्त कार्यों का वहिष्कार किया गया है, तथा कर्मचारियों द्वारा शासन प्रशासन से अपील की गई है कि कर्मचारियों को 2015 से अवरूद्ध मंहगाई भत्ता एवं बेतनवृद्धि की स्वीकृत प्रदान की जाय अन्यथा की स्थिति में उपरोक्त मॉग पूरी न होने तक सभी कर्मचारी अनिश्चित कालीन आंदोलन पर रहेंगे जिसमें प्रधान कार्यालय सहित 20 शाखाओं के अमानतदारों /किसानों एवं आम जनमानस को होने वाली समस्याओं तथा बैंक की आर्थिक क्षति के लिए बैंक प्रबंधन एवं नियामक पूर्ण रूप से
उत्तरदाई होंगे।