Sidhi news, गरीब महिलाएं अपनी लगन और मेहनत से आत्मनिर्भरता की बन गई मिशाल।

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Sidhi news, गरीब महिलाएं अपनी लगन और मेहनत से आत्मनिर्भरता की बन गई मिशाल।

गांव की गरीब महिलाएं बन रही हैं आत्मनिर्भर बी.सी. सखी बनकर घर-घर पहुंचा रही है बैकिंग सेवाएं।

सीधी । जिले में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन विकासखण्ड सिहावल अन्तर्गत समूह की महिलाएं बीसी सखी बनकर गांव-गांव में घर-घर जाकर बैंकिंग सेवाएं दे रही है। आरती विश्वकर्मा ग्राम खड़बड़ा की रानी स्व-सहायता समूह गठन कर में गांव में घर-घर जाकर बैंकिंग सेवाएं दे रही है।

आरती विश्वकर्मा बताती हैं कि वह एक सामान्य परिवार की महिला हैं। घर में ही गृहस्थ जीवन में बच्चों के साथ पूरे परिवार की देख-रेख में ही सारा समय चला जाता था। स्नातक तक पढ़ाई करने के बाद भी एक बेरोजगारी और गरीबी का जीवन-यापन करने में मजबूर थी। उनका घर से बाहर निकलना मुश्किल था। एक दिन अचानक से ही मन में मेहनत और त्याग के जरिये कुछ करने का विचार आया जिससे बच्चों की अच्छी पढ़ाई के साथ-साथ शादी-विवाह, परिवार का भरण-पोषण अच्छे से कर सके। आजीविका मिशन से प्रेरित होकर उन्होंने रानी स्व सहायता समूह नाम से एक नये समूह का गठन कर समूह से जुड़ गई।

उन्होंने बताया कि आजीविका मिशन के माध्यम से उन्होंने आरसेटी से बीसी सखी का प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने गांव में एवं आस पास के गांवों में बीसी सखी के रूप में लोगों को बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराने लगी। उन्होंने जून 2022 से बीसी सखी का कार्य प्रारम्भ कर दिया। कार्य के दौरान घर-घर जा कर लोगों तक बैंकिंग सेवाएं पहुंचाने का कार्य प्रारम्भ कर दिया। आरती बताती है कि महीने में 400 से ज्यादा लेन-देन कर लेती हूॅ और साथ ही साथ हर प्रकार की योजनाओं से गरीब महिलाओं को जोड़ रही है। जैसे- सुरक्षा बीमा योजना, जीवन ज्योति, अटल पेंशन, आयुष्मान कार्ड आदि सभी योजनाओं से जोड़ने का लगातार प्रयास कर रही है। वह इस योजना अंतर्गत हर कार्य को बड़े आसानी से कर पा रही हैं तथा मासिक आय लगभग 15 हजार से 18 हजार रूपये प्राप्त कर लेती हैं। उन्होंने बताया कि बैंक सखी के रूप में मध्यांचल ग्रामीण बैंक सोनवर्षा में बैंकिग कार्य एवं समूह में उद्यमी का चयन कर उद्यम स्थापित करवाना इन सब कार्य से उनकी पहचान बनी और आय में भी वृद्धि हुई। उन्होंने बताया कि इन सभी कार्यों को करने से एवं आजीविका मिशन के सहयोग से कार्य में निरन्तर वृद्धि हो रही है। समूह की महिलाओं का भी हमेशा सहयोग रहता है। बीसी सखी के कार्य से समाज में प्रतिष्ठा मिलने लगी है। हमारे परिवार के प्रति समाज में रहन-सहन का नजरिया भी बदल गया है। समूह से जुड़ने के बाद ही आज मुझे सब कुछ प्राप्त हुआ है। अब मैं महिलाओं की ज्यादा से ज्यादा मदद करती हूँ ताकि वे बैंकिंग सेवाओं से दूर न रहें।

आरती विश्वकर्मा ने कहा कि जब से वह आजीविका मिशन में जुड़ी हैं तब से उन्हें एक नई पहचान मिली है। साथ-साथ गाँव में चल रही शासन के माध्यम से समस्त योजनाओं के बारे में जानकारी मिल सकी है। आज वह जो भी कुछ हैं आजीविका मिशन के कारण ही हैं। वह अपनी सफलता का श्रेय जिला परियोजना प्रबंधक पुष्पेन्द्र कुमार सिंह, जिला प्रबंधक सूक्ष्म वित्त अजय सिंह, जिला प्रबंधक स्किल देवेश मिश्रा एवं बीसीएफआई अमृतलाल प्रजापति को देती हैं।

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