देश की ऊर्जा आकांक्षा की पूर्ति के साथ सौर ऊर्जा के क्षेत्र में आगे बढ़े एनसीएल : श्री सतीश चंद्र दुबे
सिंगरौली। सोमवार को माननीय कोयला एवं खान राज्य मंत्री, भारत सरकार ्रसतीश चन्द्र दुबे ने एनसीएल की समीक्षा की। समीक्षा बैठक में एनसीएल के सीएमडी बी. साईराम, निदेशक (कार्मिक) मनीष कुमार, निदेशक (वित्त) रजनीश नारायण, निदेशक (तकनीकी/संचालन)जितेन्द्र मलिक, निदेशक (तकनीकी/परियोजना व योजना) सुनील प्रसाद सिंह, मुख्य सतर्कता अधिकारी, एनसीएल श्री रविन्द्र प्रसाद एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।माननीय कोयला एवं खान राज्य मंत्री ने बैठक में एनसीएल के उत्पादन, प्रेषण, अधिभार-हटाव, खदान परिचालन, उपलब्धियों, एफ़एमसी परियोजनाओं, भविष्य की योजना आदि के बारे में विस्तृत जानकारी ली।
इस अवसर पर उन्होने एनसीएल से सौर ऊर्जा के क्षेत्र में बड़े कदम उठाने को कहा।साथ ही सिंगरौली परिक्षेत्र में एनसीएल द्वारा सीएसआर के तहत किए गए कार्यों की सराहना करते हुए और बेहतर कार्य करने हेतु आह्वान किया। इस अवसर पर उन्होने देश की ऊर्जा संरक्षा हेतु कोयला मंत्रालय द्वारा एनसीएल का पूरा सहयोग हेतु भरोसा दिया।
जयंत खदान का किया अवलोकन व जयंत स्थित नवनिर्मित सीएचपी का लिया जायजा
तत्पश्चात कोयला एवं खान राज्य मंत्री, भारत सरकार सतीश चन्द्र दुबे ने एनसीएल की जयंत खदान का दौरा किया। इस अवसर पर उन्होंने जयंत परियोजना की समीक्षा की और व्यू पॉइंट से खदान का जायजा लिया एवं खदान संचालन देखा। इस दौरान उन्होने एनसीएल की जयंत परियोजना के उत्कृष्ट कर्मियों को पुरस्कृत भी किया।कोयला एवं खान राज्य मंत्री ने एनसीएल की जयंत परियोजना में हरित प्रेषण को समर्पित नवनिर्मित एफ़एमसी परियोजना का निरीक्षण किया एवं 15 मिलियन टन की वार्षिक क्षमता की विशालकाय सीएचपी का संचालन देखा।
इस अवसर पर उन्होने पौधारोपण कर पर्यावरण सरंक्षण का संदेश भी दिया। जयंत परियोजना भ्रमण के दौरान माननीय लोकसभा सांसद (सीधी) डॉ. राजेश मिश्रा, माननीय राज्य मंत्री, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, म.प्र शासन श्रीमती राधा सिंह, माननीय विधायक सिंगरौली श्री राम निवास शाह, एनसीएल सीएमडी बी. साईराम एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
गौरतलब है कि एनसीएल भारत सरकार की एक मिनीरत्न कंपनी है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में एनसीएल को 139 मिलियन टन कोयला उत्पादन एवं प्रेषण का लक्ष्य दिया गया है। इस क्रम में कंपनी ने अभी तक 41 मिलियन टन से अधिक कोयला उत्पादन व 40 मिलियन टन से अधिक कोयला प्रेषण कर लिया है।