singrauli news : एनसीएल 8 माह में तीसरी बार सीबीआई का छापा,भ्रष्टाचार का गढ़ बन गई एनसीएल
सिंगरौली. कोयला कंपनी एनसीएल भ्रष्टाचार का गढ़ बन गई है। आठ माह में सिंगरौली में तीसरी बार सीबाआई का छापा पड़ा है। जनवरी में मुख्यालय सहित गोरबी बी ब्लाक में सीबीआई ने एनसीएल के अधिकारियों को पकड़ा था। इस बार सीबीआई दिल्ली की टीम ने सीएमडी के निजी सचिव व सुरक्षा विभाग में पदस्थ अधिकारी सहित सुरक्षा सामग्री सप्लायर ठेकेदार के आवास पर कार्रवाई कर करोड़ों रुपए की जब्त की है। एनसीएल मुख्यालय सहित जयंत में सीबीआई की कार्रवाई ने अधिकारियों की धड़कनें बढ़ा दी है।
दिल्ली सीबीआई की टीम ने सीएमडी के निजी सचिव एस ओझा, सुरक्षा अधिकारी बीके सिंह व सप्लायर ठेकेदार रवि सिंह से पूछताछ शुरू की है। सीबीआई की पूछताछ में वरिष्ठ अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उन्हें डर सता रहा है कि उनके नाम का खुलासा हो सकता है क्योंकि करोड़ों रुपए कैश बरामद होने के बाद भ्रष्टाचार का पूरा खेल वरिष्ठ अधिकारियों के संरक्षण में चलने बात कही जा रही है। पूर्व में पकड़े गए रिश्चवतखोरी के मामले के बाद अब तीसरी बार दिल्ली सीबीआई टीम ने घोटाले के मामले में कार्रवाई की है। जिससे यह साबित होता है कि एनसीएल के अधिकारी बड़े-बड़े घोटालों को अधिकारी अंजाम दे रहे हैं। इसलिए दिल्ली सीबीआई की नजर एनसीएल पर बनी हुई है।
एनसीएल में रिश्वतखोरी के कई मामले सामने आ चुके हैं। रिश्वत लेने के मामले में आठ महीने पहले जबलपुर सीबीआई ने एनसीएल के ब्लॉक बी में भू अर्जन अधिकारी चंद्र मोहन गुप्ता और जीएम सईद गोरी को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। इसके बाद सीबीआई ने रिश्वत लेने के मामले में दूसरी कार्रवाई करते हुए एनसीएल हेडक्वार्टर के श्रम शक्ति विभाग में पदस्थ एक कर्मचारी शाहबाज अनवर को गिरफ्तार किया था। सीबीआई की लगातार कार्रवाई के बाद भी एनसीएल में भ्रष्टाचार का मामला जारी है। इस बार घेरे में बड़े अधिकारी भी हैं।
अधिकारियों को दबोचा
इस बार सीबीआई दिल्ली की टीम ने एनसीएल में छापामार कार्रवाई कर करोड़ों रुपए बरामद किया है। साथ ही सीएमडी के निजी सचिव सहित सुरक्षा विभाग के अधिकारी व सप्लायर ठेकेदार को हिरासत में लिया है। कार्रवाई से सिंगरौली व यूपी के एनसीएल परियोजनाओं में पदस्थ अधिकारियों हड़कंप मचा है। एनसीएल की अलग-अलग परियोजनाओं में अधिकारियों से सांठगांठ कर करोड़ों का खेल किया जा रहा है। जिससे एनसीएल के कई अन्य अधिकारी भी सीबीआई की रडार पर हैं।