Singrauli news:पोस्टमार्टम के बाद जिला अस्पताल से शव ले जाने नहीं मिल रहे वाहन, भुगतान नहीं होने से सेवा बंद!

Singrauli news:पोस्टमार्टम के बाद जिला अस्पताल से शव ले जाने नहीं मिल रहे वाहन, भुगतान नहीं होने से सेवा बंद!

 

 

 

 

 

 

 

अव्यवस्था : अस्पताल में रोज हो रहे चार से पांच पोस्टमार्टम
शव वाहन के अभाव में सबसे ज्यादा परेशानी ग्रामीण क्षेत्र के आर्थिक रूप से कमजोर ग्रामीण परिवारों को हो रही है। इस दिशा में न तो स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोई ठोस पहल की गई और ना ही जिला प्रशासन सामने आया। अस्पताल प्रबंधन के प्रयास भी सिर्फ रस्म अदायगी तक ही सीमित रहा।

बता दें कि जिला अस्पताल ट्रामा सेंटर में बीते शुक्रवार व शनिवार तक में आधा दर्जन पोस्टमार्टम किया गया। पीएम होने के बाद शव वाहन उपलब्ध कराने को लेकर परिजनों ने स्वास्थ्य अधिकारियों से बात की। वाहन उपलब्ध नहीं हुआ तो निजी वाहन की व्यवस्था कर परिजन शव को घर ले गए। विपक्षी दल कांग्रेस जिला अध्यक्ष ज्ञानेन्द्र द्विवेदी व प्रवीण सिंह चौहान एवं आप जिला अध्यक्ष रतिभान प्रसाद ने सरकार की नाकामी व जिला प्रशासन की अव्यवस्था पर जमकर कोसा है।

 

 

 

 

सिंगरौली. एंबुलेंस एवं शव वाहन की सेवाएं नियमित रूप से जारी रखने बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं लेकिन, स्थिति ठीक इसके उल्टा है। हकीकत यह है कि जिले में अधिकारियों की संवेदनाएं तक मर चुुकी हैं। घर तक ले जाने के लिए जिला अस्पताल में शव वाहन नहीं मिल रहा है। बजट के अभाव में एक नवंबर से शव वाहन की सेवा बंद हो गई है। जिससे पोस्टमार्टम कराने के बाद भी अंतिम संस्कार के लिए शव को इंतजार करना पड़ रहा है।

यह होती है परेशानी

दुर्घटना या अन्य किसी कारण से हुई मौत के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया जाता है। ऐसे में परिजनों के सामने शव को अंत्येष्टि के लिए वापस घर तक ले जाने की सबसे बड़ी परेशानी होती है। आर्थिक तौर पर संपन्न परिवार किराए का वाहन कर शव को अपने घर तक ले जाते हैं लेकिन गरीब परिवारों से संबंध रखने वाले लोगों के पास सिवाय व्यवस्था और अपनी किस्मत को कोसने के अलावा कोई विकल्प नहीं रह जाता है।

 

 

 

 

 

सात माह से नहीं हुआ है भुगतान

आउटसोर्स के संचालक व समन्वयक अभिषेक पाण्डेय ने बीते 23 अक्टूबर को सीएमएचओ सिंगरौली को पत्र लिखकर अवगत कराया था कि 7 महीने से भुगतान नही मिला है। चालक को पारिश्रमिक भुगतान भी नही हो पा रहा है और वाहनों का मरमत और ईंधन की व्यवस्था करने में असमर्थ हैं। इसलिए एक नवंबर से उक्त सेवाएं बंद कर दिया जाएगा।

शव ले जाने वाहन का इंतजार करते रहे

मोरवा क्षेत्र के मृतक शिवराम बैगा, कैलाश प्रसाद व कचनी के बालेश्वर चौहान समेत दो अन्य शव माड़ा एवं जयंत इलाके के थे। जहां पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार के लिए इंतजार करते रहे। वाहन मुहैया कराने के लिए किसी ने कोई ठोस पहल नहीं की। जिसका खामियाजा गरीबों और जरूरतमंद लोगों को तकलीफों और आर्थिक नुकसान के रूप में भुगतना पड़ा है।

 

 

 

तीन शव वाहन जिले में उपलब्ध

जिले में तीन शव वाहन उपलब्ध हैं। तीनों ब्लॉक में देवसर, चितरंगी व वैढऩ के जिला अस्पताल में शव वाहन खड़े रहते हैं। जहां पोस्टमार्टम होने के बाद घर तक शव ले जाने के लिए परिजनों को परेशान नहीं होना पड़ता है। मगर यह सुविधा जिले में दो दिन से बंद हो गई है। जिससे आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को घर तक शव ले जाने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है।

भुगतान कराने जारी है प्रयास

आउटसोर्स पर जिले में तीन शव वाहन उपलब्ध हैं। उन्हें अप्रेल से अक्टूबर यानी सात माह से भुगतान नहीं मिला है। जिसके कारण सेवाएं बंद कर दी गई। कोशिश की जा रही है कि लंबित भुगतान को जल्द करा दिया जाए। ताकि लोगों को शव वाहन के लिए परेशान न होना पड़े।

डॉ. एनके जैन, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी

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