SINGRAULI NEWS : बीजेपी जिलाध्यक्ष को लेकर शुरू हुई भागदौड़ , एक दर्जन से अधिक बीजेपी के नेता हैं दावेदार, भोपाल तक लगा रहे दौड़, कई नेता संघ के शरण में , महिला नेत्री भी हैं दावेदार
SINGRAULI NEWS : बीजेपी जिलाध्यक्ष को लेकर शुरू हुई भागदौड़ , एक दर्जन से अधिक बीजेपी के नेता हैं दावेदार, भोपाल तक लगा रहे दौड़, कई नेता संघ के शरण में , महिला नेत्री भी हैं दावेदार
SINGRAULI NEWS : भाजपा मण्डल अध्यक्षो के नाम के घोषणा होने के बाद अब जिलाध्यक्ष चुनाव की बारी आ गई है। 30 दिसम्बर के अन्दर जिलाध्यक्ष का चुनाव संपन्न होना है। इस पद के लिए सिंगरौली से दो-चार नही बल्कि एक दर्जन से ज्यादा भाजपा के नेताओ ने अपनी दावेदारी की है। वही दावेदारी में महिला नेत्रियां भी शामिल हैं।गौरतलब है कि भाजपा मण्डल अध्यक्ष के नाम का ऐलान हो चुका है। जहां अब जिलाध्यक्ष के लिए कई दावेदार भागदौड़ शुरू कर दिये हैं। यहां बताते चले कि 16 से 30 दिसम्बर के बीच जिलाध्यक्ष का चुनाव होना है। भाजपा प्रदेश शीर्ष नेतृत्व ने अध्यक्ष पद के लिए तिथि मुक्कर्र कर चुका है। भाजपा जिलाध्यक्ष के लिए एक दर्जन से अधिक नेताओं ने जिलाध्यक्ष बनने के लिए दावेदारी कर रहे हंै।
बताया जा रहा है कि इस बार भाजपा ब्राम्हण कोटे में दे सकती है। जहां प्रबल संभावना भी दिख रही है। हालांकि अभी इसपर कुछ कह पाना मुश्किल लग रहा है। लेकिन राजनैतिक पंडित यही बता रहे हैं कि बीजेपी हमेशा जातीय समीकरण बैठाने में हमेशा ख्याल रखा है और बीजेपी के जीत का यही एक मूलमंत्र भी है। इधर अध्यक्ष के लिए एक अनार सौ बीमार जैसे कहावत यहां चरितार्थ हो रही है। आलम यह है कि भाजपा जिलाध्यक्ष के रेस में वर्तमान से लेकर पूर्व तक के जिलाध्यक्ष दावेदारी जता रहे हैं। साथ ही जिला संगठन में शामिल अन्य कई पदाधिकारी भी जिलाध्यक्ष बनने का ख्वाब पाल रखे हैं और इसी हिसाब से दावेदार भोपाल अपने-अपने बड़े नेताओं के यहां हाजिरी देना शुरू कर दिये हैं। अब यहां देखना होगा कि जिलाध्यक्ष पद के लिए कौन बाजी मारता है और किसके चेहरे पर जिलाध्यक्ष का तमंगा लगेगा।
संघ का भी रहेगा दखल, भोपाल लगा रहे दौड़
जानकारी के अनुसार इस बार भाजपा जिलाध्यक्ष के चयन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का भी दखल रहेगा। ऐसी चर्चाएं पार्टी के अन्दर ही चल रही है। इस बार जिलाध्यक्ष थोपा नही जाएगा। बल्कि नये चेहरे को पार्टी शीर्ष नेतृत्व मौका देने के प्रयास में हैं। वही अध्यक्षपद को लेकर अब सियासी समीकरण जोर पकड़ लिया है। अधिकांश दावेदार अपना बायोडाटा लेकर भोपाल दौड़ लगा रहे हैं। हालांकि अंतिम मोहर भोपाल से ही लगेगी। इसी के चलते जिलाध्यक्ष पद के रेस में शामिल दावेदार राजधानी भोपाल में डेरा जमाए हुये हैं और अपने-अपने संपर्क के बड़े नेताओं से मेल-मुलाकात कर अपना-अपना पक्ष रख रहे हैं।
10 वर्षो से नही मिला ब्राम्हण वर्ग को मौका
भाजपा जिला संगठन में करीब एक दशक से ब्राम्हण वर्ग को महत्वपूर्ण पद नही मिला है। सिंगरौली जिला ईकाई गठन के बाद सबसे पहले 2004 में कांतदेव सिंह अध्यक्ष बने। इसके बाद गिरीश द्विवेदी को मौका मिला। तत्पश्चात वर्तमान विधायक रामनिवास शाह जिलाध्यक्ष बने। श्री शाह के बाद रामसुमिरन गुप्ता को मौका दिया गया। फिर कांतदेव सिंह को दोबारा जिलाध्यक्ष बनाया गया। श्री सिंह के बाद विरेन्द्र गोयल को पार्टी ने मौका दिया और वर्तमान में रामसुमिरन गुप्ता जिलाध्यक्ष हैं। जबकि जातीय समीकरण के अनुसार आदिवासी एवं पिछड़ा वर्ग के बाद तीसरे स्थान पर ब्राम्हणों की जनसंख्या है। इस लिहाज से राजनैतिक पंडित यही मान रहे हैं कि संगठन में ब्राम्हणों को अहम जगह मिल सकती है।
जिलाध्यक्ष के रेस में यह हैं शामिल
जानकारी के अनुसार जिलाध्यक्ष पद के लिए मुख्यरूप से वर्तमान जिलाध्यक्ष रामसुमिरन गुप्ता , पूर्व जिलाध्यक्ष गिरीश द्विवेदी, किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष विनोद चौबे, जिला महामंत्री सुन्दरलाल शाह, पूर्व सीडा उपाध्यक्ष एवं वरिष्ठ नेता नरेश शाह, जिला उपाध्यक्ष आशा यादव, जिलामंत्री विनोद चौबे, प्रवेन्द्रधर द्विवेदी, धु्रव सिंह, भाजयुमो जिलाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह पाल, जिलामंत्री पूनम गुप्ता, पूर्व जिला उपाध्यक्ष रमापति जायसवाल, राजेश तिवारी रज्जू, अधिवक्ता राजकुमार दुबे सहित अन्य कई पदाधिकारी दावेदारी कर रहे हैं। वही सूत्र बता रहे हैं कि आदिवासी नेता भी अपनी-अपनी दावेदारी करने में लगे हैं। साथ ही चर्चाएं यहां तक आ रही है कि भाजपा इस बार ब्राम्हणों को मौका दे सकती है। इस लिहाज से जिलाध्यक्ष पद के लिए ब्राम्हणों की दावेदारी ज्यादा बताई जा रही है।