सिंगरौली भ्रष्टाचार : तीसरी बार बनी कमेटी भी नहीं कर रही जांच
- तीसरी बार बनी कमेटी भी नहीं कर रही जांच
- जनपद पंचायत देवसर के बूढ़ाडाण पंचायत का मामला
- सीईओ,कलेक्टर सहित प्रभारी मंत्री से भी ग्रामीणों ने की है शिकायत
- निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार का लगा है गंभीर आरोप
सिंगरौली, सिंगरौली जिले के जनपद पंचायत देवसर अंतर्गत ग्राम पंचायत बूढ़ाडाण पंचायत में करीब दो माह पूर्व कई निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाते हुए ग्राम वासियों ने शिकायत की थी जनपद कार्यालय देवसर में सबसे पहले ग्रामीणों ने शिकायत की थी इसके बाद जिला पंचायत कार्यालय तथा कलेक्टर सिंगरौली के दरबार में भी पहुंचकर ग्रामीणों ने शिकायत की थी कई बार जांच कमेटी बनाई गई लेकिन अभी तक किसी भी कमेटी ने जांच करने की जरूरत नही समझी अब स्थानीय प्रशासन के उदासीन कार्य प्रणाली से निराश होकर ग्रामीणों ने प्रभारी मंत्री संपत्तियां उइके को भी शिकायत पत्र दिया है , फिर भी प्रशासनिक स्तर पर जांच नहीं की जा रही है जबकि ग्राम वासियों ने सरपंच सचिव के ऊपर निर्माण कार्यों में जमकर घोटाला करने का गंभीर आरोप लगाया है ,अब भ्रष्टाचार का मामला सामने आने के बाद जिस तरह से जिम्मेदार गंभीरता से नहीं ले रहे हैं ऐसे में एक ओर शिकायत करने वाले ग्रामवासी निराश होते जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर सरपंच सचिव के हौसले बुलंद हैं
अब तीसरी बार बनी कमेटी भी नही कर रही जांच
ग्राम वासियों की शिकायत पर सबसे पहले मुख्य कार्य पालन अधिकारी जनपद पंचायत देवसर संजीव तिवारी ने कमेटी बनाई थी लेकिन उनकी कमेटी जांच नहीं कर पाई इसके बाद एसडीएम ने भी अपने स्तर पर दूसरी कमेटी बनाई थी उनकी कमेटी भी जांच जांच नहीं कर सकी अब तीसरी कमेटी जिला प्रशासन ने बनाई है अब जांच करने के लिए तीसरी कमेटी भी गंभीर नजर नहीं आ रही है इधर शिकायतकर्ताओं को सिर्फ टाल मटोल किया जा रहा है बताते हैं की तीसरी कमेटी में एई अरुण चतुर्वेदी एसडीओ सूरज मिश्रा सहित अन्य सदस्य शामिल हैं
सरपंच सचिव पर लगे हैं गंभीर आरोप
ग्राम वासियों ने सरपंच दिलीप धर द्विवेदी एवं सचिव नागेश्वर साहू पर गंभीर आरोप लगाया है बताते हैं कि पंचायत में कुछ ऐसे निर्माण कार्य जो सिर्फ कागजों तक सीमित रह गए हैं और उनके नाम से लाखों रुपए आहरित कर लिए गए हैं स्थल पर संबंधित निर्माण कार्य नजर नहीं आ रहे हैं इसके अलावा करीब छ माह पूर्ण निर्मित पुलिया एवं रपटा पहली बारिश में ही क्षतिग्रस्त हो चुके हैं ऐसी स्थिति में सरकारी धन का काफी दुरुपयोग हुआ है इसी तरह से और भी कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं लेकिन यह मामला प्रशासन के संज्ञान में आने के बाद भी सरपंच सचिव को लगातार अभय दान दिया जा रहा है जो निश्चित रूप से स्थानीय ग्राम वासियों के साथ घोर अन्याय है
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