Singrauli News: महान नदी जियावन से जारी है रेत का अवैध उत्खनन, क्या कर रहे है थाना प्रभारी एसडीओपी…?
शाम होते ही बालू लदे ट्रैक्टरों का परिचालन शुरू हो जाता है जियावन रेत का अवैध
रेत माफियाओं को सफेद कोट का संरक्षण,लाखों महीने में नजरियाना
सिंगरौली।। Jiyavan police station क्षेत्र में अवैध रेत खनन Police की कमाई का जरिया बन गया है। Police की नाक के नीचे यह कारोबार लंबे समय से फलफूल रहा है। फिर भी खनन विभाग के Officer व पुलिस पदाधिकारी अनजान बने रहते हैं। बालू माफिया चतुराई के साथ रात के अंधेरे में बालू का अवैध खनन करते हैं। सुबह पांच बजे तक काम को अंजाम दिया जाता है ताकि दिन के उजाले में उनकी करतूत लोगों की नजर से बची रहे। चर्चा है कि महान नदी में रेत के अबैध खनन को पुलिस ने कमाई का जरिया बना लिया है।
स्थानीय लोगों की मानें तो रेत का अवैध कारोबार पुलिस की संरक्षण से ही हो रहा है। प्रतिदिन अवैध रेत लोड दर्जनों ट्रैक्टर व ट्रॉलियां एक साथ निकलती हैं। रात भर खाली ट्रॉलियां बार-बार रेत घाटों की ओर जाती हैं। फिर प्रतिबंधित घाटों से रेत भरकर वापस लौटती हैं। अवैध खनन कर बालू ले जाने वाले ट्रैक्टर व ट्रॉलियों की तस्वीरें व वीडियो भी लगातार सामने आते रहे हैं। लेकिन जियावन पुलिस कार्रवाई करने से कतराती हैं। सूत्रों की माने तो जियावन पुलिस प्रति ट्रैक्टर हर महीने मोटी रकम लेकर अवैध रेत परिवहन की खुली छूट दे रखी है। बताया तो यह भी जा रहा है कि अवैध रेत की कमाई का एक हिस्सा सत्ताधारी कई सफेद पोश तक पहुंच रहा है।
महान नदी के इन घाटों से हो रही रेत की चोरी
सूत्र बताते है कि जियाचान थाना क्षेत्र के महान नदी के घाट चकुआर, जियावन, मजौना, कारी, सरपतही, सहुआर, बोगा से रेत का अवैध उठाव जारी है। रेत माफिया पर्यावरण के साथ खिलवाड़ कर मालामाल हो रहे हैं। बालू के अवैध उठाव व बुलाई पर पुलिस अंकुश लगाने में नाकाम है। हालांकि थाना प्रभारी बीच बीच में एक दो ट्रैक्टर पकड़ कर अपनी ईमानदार छवि बनाने का प्रयास जरूर करते हैं।
पुलिस पर रेत माफियाओं की मुखबिरी का आरोप
इपर स्थानीय ग्रामीण बताते है कि जियावन थाना क्षेत्र में शाम ढलते ही रेत घाटों से बालू निकालने का काम शुरू हो जाता है। फिर देर रात तक सड़कों पर अवैध रेत के ट्रैक्टर दौड़ते रहते हैं। परंतु इन्हें देखने व रोकने के लिए कोई नहीं है। सूत्रों की माने तो रात्रि में गस्त करती पुलिस रेत कारोबारी के लिए मुसखबरी और सुरक्षा देने का काम करते हैं। कोई भी संदिग्ध यदि इन्हें टाल को दिख जाए तो रेल कारोबारी के गुर्गे रेकी करने लगते हैं ताकि इनका कोई फोटो और वीडियो बनाकर पुलिस और रेत माफियाओं के कारनामों को उजागर न कर दें।
शाम ढलते ही रेत से लदे ट्रैक्टरों की धमाचौकड़ी हो जाती है शुरू जियावन पुलिस को मिल रहा नजराना
रेत माफियाओं को सफेदपोशधारियों का संरक्षण,लाखों महीने में नजरियाना
सिंगरौली।। जियावन थाना क्षेत्र में अवैध रेत खनन पुलिस की कमाई का जरिया बन गया है। पुलिस की नाक के नीचे यह कारोबार लंबे समय से फलफूल रहा है। फिर भी खनन विभाग के अधिकारी व पुलिस पदाधिकारी अनजान बने रहते हैं। बालू माफिया चतुराई के साथ रात के अंधेरे में बालू का अवैध खनन करते हैं। सुबह पांच बजे तक काम को अंजाम दिया जाता है ताकि दिन के उजाले में उनकी करतूत लोगों की नजर से बची रहे। चर्चा है कि महान नदी में रेत के अबैध खनन को पुलिस ने कमाई का जरिया बना लिया है।
स्थानीय लोगों की मानें तो रेत का अवैध कारोबार पुलिस की संरक्षण से ही हो रहा है। प्रतिदिन अवैध रेत लोड दर्जनों ट्रैक्टर व ट्रॉलियां एक साथ निकलती हैं। रात भर खाली ट्रॉलियां बार-बार रेत घाटों की ओर जाती हैं। फिर प्रतिबंधित घाटों से रेत भरकर वापस लौटती हैं। अवैध खनन कर बालू ले जाने वाले ट्रैक्टर व ट्रॉलियों की तस्वीरें व वीडियो भी लगातार सामने आते रहे हैं। लेकिन जियावन पुलिस कार्रवाई करने से कतराती हैं। सूत्रों की माने तो जियावन पुलिस प्रति ट्रैक्टर हर महीने मोटी रकम लेकर अवैध रेत परिवहन की खुली छूट दे रखी है। बताया तो यह भी जा रहा है कि अवैध रेत की कमाई का एक हिस्सा सत्ताधारी कई सफेद पोश तक पहुंच रहा है।
महान नदी के इन घाटों से हो रही रेत की चोरी
सूत्र बताते है कि जियाचान थाना क्षेत्र के महान नदी के घाट चकुआर, जियावन, मजौना, कारी, सरपतही, सहुआर, बोगा से रेत का अवैध उठाव जारी है। रेत माफिया पर्यावरण के साथ खिलवाड़ कर मालामाल हो रहे हैं। बालू के अवैध उठाव व बुलाई पर पुलिस अंकुश लगाने में नाकाम है। हालांकि थाना प्रभारी बीच बीच में एक दो ट्रैक्टर पकड़ कर अपनी ईमानदार छवि बनाने का प्रयास जरूर करते हैं।
पुलिस पर रेत माफियाओं की मुखबिरी का आरोप
इपर स्थानीय ग्रामीण बताते है कि जियावन थाना क्षेत्र में शाम ढलते ही रेत घाटों से बालू निकालने का काम शुरू हो जाता है। फिर देर रात तक सड़कों पर अवैध रेत के ट्रैक्टर दौड़ते रहते हैं। परंतु इन्हें देखने व रोकने के लिए कोई नहीं है। सूत्रों की माने तो रात्रि में गस्त करती पुलिस रेत कारोबारी के लिए मुसखबरी और सुरक्षा देने का काम करते हैं। कोई भी संदिग्ध यदि इन्हें टाल को दिख जाए तो रेल कारोबारी के गुर्गे रेकी करने लगते हैं ताकि इनका कोई फोटो और वीडियो बनाकर पुलिस और रेत माफियाओं के कारनामों को उजागर न कर दें।