Singrauli news: एनसीएल में उत्साहपूर्वक मनाया गया अंतरराष्ट्रीय मातृ-भाषा दिवस मुख्यालय में एक दिवसीय हिन्दी कार्यशाला एवं राजभाषा कार्यान्वयन प्रतियोगिता का हुआ आयोजन

एनसीएल में उत्साहपूर्वक मनाया गया अंतरराष्ट्रीय मातृ-भाषा दिवस
मुख्यालय में एक दिवसीय हिन्दी कार्यशाला एवं राजभाषा कार्यान्वयन प्रतियोगिता का हुआ आयोजन

सिंगरौली-गुरुवार को भारत सरकार की मिनीरत्न कंपनी नॉर्दर्न कोलफील्डस लिमिटेड(एनसीएल) के मुख्यालय में अंतरराष्ट्रीय मातृ-भाषा दिवस उत्साहपूर्वक मनाया गया। इस दौरान एमडीआई परिसर, सीईटीआई में एक दिवसीय हिंदी कार्यशाला एवं राजभाषा कार्यान्वयन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम के दौरान महाप्रबंधक (आईईडी), मनोज कुमार सिंह, महाप्रबंधक (कार्मिक/राजभाषा) विक्टर कुजूर, महाप्रबंधक (एचआरडी) राजन मैच, प्रबन्धक (कार्मिक/राजभाषा) हुकुम सिंह, नरकास कार्यालय, सिंगरौली से प्रतिनिधि एवं सदस्य सहित मुख्यालय से विभिन्न अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।

अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर आयोजित एक दिवसीय हिन्दी कार्यशाला में राजभाषा अधिनियम एवं संबंधित जानकारी, कार्य करने के तरीके, एनसीएल द्वारा राजभाषा के प्रसार के लिए किए गए प्रयास तथा राजभाषा के संवैधानिक महत्व के बारे में उपस्थित सभी को जानकारी दी गई। प्रतियोगिताओं के दौरान एनसीएल की सभी परियोजना एवं इकाइयों सहित पावर ग्रिड, यूनियन बैंक, बीएसएनएल, सीआईएसएफ, रेलवे तथा अन्य से 70 से अधिक प्रतिभागियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया ।

 

राजभाषा कार्यान्वयन प्रतियोगिता के दौरान श्री पवन कुमार डूकिया (उप-प्रबंधक, कार्मिक) मुख्यालय ने प्रथम, श्रीमती अनिता जगत (वरीय निजी सहायक) एनएससी ने द्वितीय, राहुल कुमार (जनरल मजदूर कटे –1) मुख्यालय ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। साथ ही लाल जी पटेल (वरीय निजी सहायक) मुख्यालय एवं भगवान सिंह (लेखा लिपिक) मुख्यालय ने प्रोत्साहन पुरस्कार अर्जित किया।इसके अतिरिक्त रवि कुमार (पावर ग्रिड) पहले स्थान पर, पुष्पराज सिंह (यूनियन बैंक ऑफ इंडिया) दूसरे स्थान पर एवं जोगिंदर(सीआईएसएफ) तीसरे स्थान पर रहे।

साथ ही विवेक कुमार सिंह (बीएसएनएल) एवं अमितेश कुमार सिंह (रेलवे) ने प्रोत्साहन पुरस्कार अर्जित किया।गौरतलब है कि विश्व में भाषा और सांस्कृतिक विविधता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 21 फरवरी को मातृभाषा दिवस मनाया जाता है। एनसीएल द्वारा कार्यालयीन कार्यों में राजभाषा के अधिकतम प्रयोग हेतु विभिन्न कार्यक्रमों व प्रतियोगिताओं के माध्यम से जागरूकता फैलाई जाती रही है ।

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