ब्रह्माकुमारीज द्वारा मन प्रबंधन द्वारा उत्कृष्ट प्रशासन विषय पर तीन से छ: मार्च तक जगह जगह कार्यक्रमों का हुआ आयोजन
आध्यात्म के जरिए ही इस संसार में स्वर्णिम प्रशासन लाया जा सकता है: बीके डा.रीना दीदी
सिंगरौली। ब्रह्माकुमारीज तपोवन कांप्लेक्स, विंध्यनगर सेवाकेंद्र द्वारा ब्रह्माकुमारीज के प्रशासक सेवा प्रभाव द्वारा स्वर्णिम प्रशासन मध्य प्रदेश जागृति राज्यस्तरीय अभियान ऊर्जाधानी सिंगरौली में प्रशासको, प्रबंधकों एवं कार्यपालकों हेतु मन प्रबंधन द्वारा उत्कृष्ट प्रशासन विषय पर कार्यक्रम आयोजित हुए। यह अभियान 3 मार्च 2025 से 6 मार्च 2025 तक जिले में प्रतिदिन जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित हुई जिसमें कलेक्ट्रेट कार्यालय, नगर निगम पालिका कार्यालय, एनटीपीसी विंध्यनगर, एनसीएल अमलोरी, रिलायंस सासन, हिंडालको महान कंपनियों में कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुए। यह अभियान बीके डा.रीना दीदी के नेतृत्व में लगातार चलाया जा रहा है इस अभियान के अन्य सदस्य रिचा दीदी, ब्रह्मा कुमार राहुल भाई, ब्रह्मा कुमार राम भाई के साथ निरंतर चल रहा है। अभियान का संपूर्ण स्वागत, सम्मान और जगह-जगह कार्यक्रम आयोजन ब्रह्माकुमारीज सिंगरौली की क्षेत्रीय संचालिका बी.के.शोभा दीदी जी के नेतृत्व में किया गया ।
इस दौरान कार्यक्रम की मुख्यवक्ता बी.के. डॉ. रीना दीदी ने कहा कि आध्यात्म के जरिए ही इस संसार में स्वर्णिम प्रशासन लाया जा सकता है। दीदी ने कहा कि प्रशासनिक सेवा में रहते हुए कई मर्तबा दबाव महसूस होता है। वहीं कई मर्तबा निर्णय को लेकर असमजंस की स्थिति होती है। ऐसे में सकारात्मक सोच के माध्यम से स्वयं निर्णय लेने की क्षमता विकसित होती है। सकारात्मक सोच तन और मन दोनो को स्वस्थ्य रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह सोच न केवल जीवन को संतुलित रखने में मदद करती है, बल्कि रोजमर्रा के अनुभव को सुखद बना देती है। उन्होंने कहा कि इससे जीवन में किसी भी बदलाव के साथ खुद को भी बदलने में मदद मिलती है।दीदी ने उपस्थित अधिकारियों से जीवन में आध्यात्म से जुड़ने की जरूरत जताई।इस अभियान के द्वारा मूल्यनिष्ठ सुप्रशासन की बारीकियां सिखाई जाती है। कुशल प्रशासन, अच्छे प्रशासक के गुण, श्रीमत भगवतगीता में छिपे सुप्रशासन के गुण, आदि विषयों पर निरंतर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।आज चाहे घर परिवार हो, समाज हो, कोई समुदाय हो संस्था हो या गवर्मेंट हो इस संसार के हर क्षेत्र में प्रशासनिक व्यवस्थाओं की आवश्यकता होती है, आज के तीव्र गति से बदलते परिवेश में हम देखते हैं कि प्रशासक वर्ग बहुत अधिक दबाव महसूस करता है। एक तरफ घर परिवार की समस्याएं हैं, दूसरी तरफ प्रोजेक्ट की डेडलाइन (समय सीमा) है।इसके अलावा सहकर्मियों और कर्मचारियों के साथ तालमेल बैठाने के लिए विभिन्न समस्याओं से जूझना पड़ता है। ऐसे में मन की स्थिति को स्थिर रखना कठिन हो जाता है। अत्यधिक तनाव की स्थिति बन जाती है, कहते हैं जैसी मन की अवस्था होती है वैसे ही बाहर व्यवस्था होती जाती है।तो ऐसे में प्रश्न उठता है कि हम ऐसा क्या करें जो हमारी मानसिक अवस्था भी अच्छी रहे और प्रशासन भी सुचारू रूप से निर्विघ्न चले। इस अभियान के अंतर्गत होने वाले कार्यक्रमों के माध्यम से बेहतर के लिए यानी एक गतिशील सुशासन के लिए एक प्रशासक में कौन- कौन से गुण होने चाहिए, इस पर बी.के. डॉ. दीदी के बहुत सुंदर अनुभव युक्त व्याख्यान रहे। सभी कार्यक्रमों के अंत में ईश्वरीय सौगात, वैल्यू बैंड, ब्लेसिंग कार्ड एवं प्रभु प्रसाद देकर सम्मान किया गया।