Singrauli News: सिंगरौली जिले में समितियों पर घोटाले के दाग और शिकंजा समूहो पर: ज्ञानेंद्र

सिंगरौली जिले में समितियों पर घोटाले के दाग और शिकंजा समूहो पर: ज्ञानेंद्र

सिंगरौली- मध्य प्रदेश में खरीदी केंद्र घोटाले की काली छाया से बचे नहीं है सिंगरौली जिले में भी बीते वर्षों में धान खरीदी में करोड़ों रुपए की हेरा फेरी उजागर हुई है आश्चर्य है कि सभी घोटाले समितियां में हुए हैं और शिकंजा समूहों पर कसने और खरीदी केदो से अलग करने का निर्णय किया जा रहा है। जिला कांग्रेस कमेटी सिंगरौली ग्रामीण अध्यक्ष ज्ञानेंद्र द्विवेदी ने प्रशासन पर जन भागीदारी की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए अपने एक प्रेस वक्तव्य में कहा है कि मध्य प्रदेश शासन के नीति को नजर अंदाज करते हुए सिंगरौली जिला में समूह के माध्यम से की जाने वाली किसानों के धान गेहूं सहित अन्य उपज की खरीदी से समूहों को पृथक कर प्रशासन क्या संदेश देना चाहता है समझ से परे है।इस वर्ष धान खरीदी में मध्य प्रदेश में 20 लाख टन धान का घोटाला समाचार पत्रों में प्रकाशित हुआ है पिछले वर्ष सिंगरौली जिले में करोड़ों रुपए का धान घोटाला उजागर हुआ है जो आज तक जांच का विषय बना हुआ है अपराध भी पंजीबद्ध हुआ है किंतु वास्तविक किसानों को उनके उपज का दाम नहीं मिल सका है। जिला में खरीदी केंद्रों की स्वीकृति का सवाल जब उठता है तो सिंगरौली जिले में समितियों को ही खरीदी केंद्र घोषित कर इतिश्री कर दी जाती है जबकि पूर्व में अनेक समूहों को भी खरीदी केंद्र की स्वीकृत मिली हुई थी इस वर्ष धान खरीदी में समूहों को अधिकृत नहीं किया गया और अब गेहूं खरीदी में भी समूहों को खरीदी केंद्र की स्वीकृत नहीं दिए जाने की जानकारियां मिल रही है यह समूहों के साथ अन्याय ही नहीं है किसानों की परेशानी बढ़ाने वाला भी निर्णय है । समितियां अधिक दूरी पर होने के कारण किसानों को परिवहन पर अधिक खर्च करना पड़ता है और भीड़ होने के कारण तुलाई के लिए 3 से 4 दिन का इंतजार भी करना पड़ता है। जिला प्रशासन से आग्रह है कि धान खरीदी में समूहों को अवसर नहीं दिया गया किंतु अब गेहूं एवं अन्य उपज के सीजन में समूहों को विक्रय केंद्र की अनुमति दी जाए ताकि किसानों को अपना उपज बेचने में दूरी और समय की परेशानियों से नहीं जूझना पड़े यह निर्णय प्रशासनिक पारदर्शिता और न्याय हित का होगा ।

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