Singrauli News: सिंगरौली नगर निगम में बड़ा घोटाला – नियमों की धज्जियाँ, चहेते ठेकेदारों को तोहफा!

बिना ई-टेंडरिंग 1 करोड़ का भुगतान, नगर निगम में फिर उठा भ्रष्टाचार का तूफान
अवनीश तिवारी
Singrauli News: सिंगरौली नगर निगम एक बार फिर सवालों के घेरे में है। चार साल पुराने करीब 1 करोड़ रुपये के घोटाले का पर्दाफाश हुआ है, जहां बिना ई-टेंडरिंग के चहेते ठेकेदारों को करोड़ों का भुगतान किया गया। नियमों को ताक पर रखकर नगर निगम ने यह रकम गुपचुप तरीके से बांटी।
कैसे खेला गया ये खेल?
तत्कालीन ईई वीपी उपाध्याय ने 10 से अधिक कामों के ऑर्डर ऑफलाइन दिए – न सड़क का टेंडर, न नोटिस, न पारदर्शिता।
सिर्फ़ भरोसे के नाम पर चहेते ठेकेदारों को काम मिला और 94 लाख से ज्यादा का भुगतान हो गया, वो भी नियमों के खिलाफ।
कौन हैं जिम्मेदार?
तत्कालीन आयुक्त आरपी सिंह, जिनके कार्यकाल में यह भुगतान हुआ।
वीपी उपाध्याय, जो इस पूरे घोटाले के तकनीकी दिमाग माने जा रहे हैं।
कुछ अधिकारी सेवानिवृत्त होकर निकल चुके हैं, लेकिन अब उन्हें भी घेरा जाएगा।
एक और घोटाला – एलईडी लाइट का फर्जीवाड़ा!
कांग्रेस पार्षद अनिल वैस के मुताबिक, LED लाइट घोटाले में भी 2 करोड़ का नुकसान हुआ है। महंगी कीमत पर घटिया लाइटें खरीदी गईं, जो कुछ महीनों में फ्यूज हो गईं और उनकी जगह पुराने बल्ब वापस लगा दिए गए।
क्या बोले नगर निगम कमिश्नर दयाकिशन शर्मा?
“जांच चल रही है। दोषियों पर शासन स्तर से कार्रवाई होगी। कुछ अधिकारी रिटायर हो चुके हैं, फिर भी रिकवरी और सजा का प्रस्ताव भेजा जा रहा है।”
अब जनता पूछ रही है सवाल:
क्यों नहीं हुई पहले कार्रवाई?
क्या ये सिर्फ़ ‘फाइलों में जांच’ तक सिमट जाएगा?
दोषियों को जेल और रिकवरी कब?