PM मोदी की यूक्रेन Ukraine यात्रा के बाद रूस द्वारा युद्ध तेज करना शांति प्रयासों को धक्का: अजय खरे।
PM मोदी की यूक्रेन Ukraine यात्रा के बाद रूस द्वारा युद्ध तेज करना शांति प्रयासों को धक्का: अजय खरे।
रूस और यूक्रेन के बीच ढाई साल से चल रहे युद्ध को रोकने के संबंध में गत 23 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूक्रेन यात्रा के दौरान उनकी मध्यस्थ बनने की कोशिश को उस समय गहरा झटका लगा जब रूस ने 2 दिन बाद 26 अगस्त को जंग और तेज कर दी। समता संपर्क अभियान के राष्ट्रीय संयोजक लोकतंत्र सेनानी अजय खरे रीवा ने कहा है कि यूक्रेन यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं बुद्ध के देश से आया हूं, वहां युद्ध का कोई स्थान नहीं। श्री खरे ने कहा कि महात्मा बुद्ध का हवाला देकर विश्व शांति का प्रयास अच्छी बात है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने देश के मणिपुर में हो रही हिंसा को रोकने के लिए उन्होंने वहां एक बार भी जाना पसंद नहीं किया।
श्री खरे ने कहा कि किसी भी व्यक्ति के कथनी और करनी का फर्क उसके व्यक्तित्व को कमजोर बना देती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले माह रूस यात्रा पर थे। वहां वह अपने चिर परिचित अंदाज में रूस के राष्ट्रपति पुतिन से गले मिले थे। इसी तरह अभी हाल में यूक्रेन की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहां के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की को गले मिलाया और उनके कंधे पर हाथ रखा। हमलावर रूस को लेकर भारत की अभी तक की भूमिका पर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने सवाल खड़े किए हैं।
श्री खरे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूक्रेन यात्रा भारतीय विदेश नीति को कमजोर करने वाली है जिसके चलते यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने भारत को अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा हैं। वहीं रूस ने शांति संदेश को एकदम नजर अंदाज करते हुए यूक्रेन की राजधानी कीव पर रॉकेट से हमले शुरू कर दिए। यूक्रेन पर ताबड़तोड़ हमले के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मध्यस्थ भूमिका को लेकर तरह-तरह के सवाल हो रहे हैं। इधर यूक्रेन पर रूस के राकेट हमले भारत के शांति प्रयासों को धक्का है।