Rewa news, CG, CAF कैंप गोलीबारी में वीर गति को प्राप्त हुए विंध्य क्षेत्र के दोनों सैनिकों को दिया जाए शहीद का दर्जा: एड प्रवीण पाण्डेय।
छत्तीसगढ़ के बलरामपुर क्षेत्र में सशस्त्र बल के कैंप में गोलीबारी में अकाल मृत्यु के शिकार हुए विंध्य क्षेत्र के दोनों सैनिकों को शहीद का दर्जा दिए जाने की मांग की गई है जबलपुर उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता और मऊगंज जिले के निवासी एड प्रवीण पाण्डेय ने बीते दिन छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में शहीद हुए सैनिकों के प्रति गहरी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है और केंद्र तथा छत्तीसगढ़ राज्य सरकार से मांग करते हुए कहे हैं कि मऊगंज जिले के घुरेहटा निवासी संदीप पांडेय और मैहर जिले के ग्राम पौड़ी निवासी रुपेश पटेल को शहीद का दर्जा दिया जाए इस घटना को किसी की व्यक्तिगत घटना दुर्घटना से जोड़कर इसलिए नहीं देखा जाना चाहिए कि शहीद हुए दोनों सैनिक देश और देश की जनता की सुरक्षा में तैनात थे ऐसी घटनाएं चाहे नक्सली हमले से हो या फिर अन्य किसी कारण से हो ड्यूटी पर तैनात सैनिक देश की सेव करते ही वीरगति को प्राप्त हुए हैं।
श्री पाण्डेय ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य के बलरामपुर जिले में छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल सीएएफ कैंप में बीते बुधवार को सुबह 11:30 बजे एक सैनिक द्वारा अपने सैनिक साथियों पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी थी जिसमें मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले के घूरेहटा वार्ड क्रमांक 15 के निवासी संदीप पांडेय पुत्र श्री रामसेवक पांडेय है, और दूसरे रूपेश पटेल मैहर जिले के ग्राम पौड़ी निवासी सैनिक शहीद हो गए हैं, दोनों सैनिकों की दर्दनाक मौत हुई है और छत्तीसगढ़ शासन सशस्त्र बल सीएएफ के सैनिकों को नक्सली घटनाओं को रोकने के लिए वहां तैनात किया गया था दोनों सैनिक देश की सेवा और सुरक्षा में तैनात थे और ऑन ड्यूटी सेवा करते हुए गोलीबारी के शिकार होकर वीर गति को प्राप्त हुए हैं दोनों शहीद सैनिकों पर केंद्र और राज्य सरकार को सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए अकाल मृत्यु के शिकार हुए विंध्य क्षेत्र के दोनों सपूतों को शहीद का दर्जा दिया जाना चाहिए और उन्हें स सम्मान शहीदों को दी जाने वाली सभी सुविधाओं का उनके परिजनों को हित लाभ दिया जाना चाहिए।
श्री पांडेय ने कहा कि यह घटना बटालियन के अधिकारियों की नाकामी का नतीजा है कि उनके सैनिक आपस में ही इस तरह की क्रूरतम घटना को अंजाम दे दिया हैं क्योंकि सैनिक लंबे समय तक अपने परिवार से दूर रहकर देश की रक्षा के लिए सीना तानकर खड़े रहते हैं इस बीच उनके मन में कई तरह की मानसिक विसंगतियां पनपती है अधिकारियों को चाहिए कि समय-समय पर सैनिकों के साथ उनके व्यवहार का परीक्षण करें उनकी निजी परेशानियों को सुने समझें और समस्याओं का निदान करें जिस तरह से यहां सरफिरे सैनिक में घटना को अंजाम दिया है इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि वह मानसिक रूप से किसी न किसी रूप में विक्षिप्त रहा होगा तभी इतनी बड़ी वारदात को अंजाम दिया है ऐसी घटनाएं भविष्य में कभी ना हो इसके लिए बटालियन के अधिकारियों को सभी सैनिकों के विचारों मानसिक तनाव और उनकी निजी समस्याओं को समझना होगा तभी ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति से बचा जा सकता है।