पत्रकारों को निर्वस्त्र कर पीटने और पेशाब पिलाने का मामला पकड़ रहा तूल BJP नेता ने बंधक बनाकर दिया था घटना को अंजाम।
पत्रकारों को निर्वस्त्र कर पीटने और पेशाब पिलाने का मामला पकड़ रहा तूल BJP नेता ने बंधक बनाकर दिया था घटना को अंजाम।
देश में पत्रकारों के साथ हो रहा अत्याचार थमने का नाम नहीं ले रहा आए दिन समाचार कवरेज के दौरान पत्रकारों को निष्पक्ष पत्रकारिता करने का अंजाम भुगतना पड़ता है। रसूखदारों और गुण्डा माफियाओं द्वारा पत्रकारों को निशाना बनाया जा रहा है पत्रकारों के खिलाफ हो रहे अत्याचार पर अंकुश लगाने सरकार नाकाम रही है कभी गुंडे माफियाओं भ्रष्टाचारियों के इशारे पर पत्रकारों पर झूठे मामले पुलिस दर्ज करके प्रताड़ित करती है तो कभी पत्रकारों के ऊपर जानलेवा हमले हो रहे हैं ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले से सामने आया है जहां बीते दिनों भारतीय जनता पार्टी के नगर पंचायत अध्यक्ष ने दो पत्रकारों को बंधक बनाकर निर्वस्त्र कर पीटा था अब यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है इस घटना की निदा करते हुए कई पत्रकार संगठनों ने मोर्चा खोल दिया है और समाजवादी पार्टी ने भी इस घटना को लेकर आवाज उठाई है और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है समाजवादी पार्टी द्वारा योगी सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए इस मामले में आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करने और कठोर कार्रवाई करने की बात कही है।
घटना को लेकर बताया गया है कि उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के जारिया थाना क्षेत्र के सरीला नगर पंचायत के भाजपा के नगर पंचायत अध्यक्ष पवन अनुरागी द्वारा दो पत्रकारों को अपने घर में मुलाकात के बहाने बुलाया था और फिर बंधक बनाकर अपने गुण्डो की मदद से दोनों पत्रकारों की निर्वस्त्र कर पिटाई की थी और मारपीट का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में भी वायरल किया गया था इसके बाद नगर पंचायत अध्यक्ष द्वारा पद और रसूख का उपयोग करते हुए पत्रकारों के खिलाफ पुलिस से मिलीभगत करके एससी- एसटी एक्ट में मुकदमा भी दर्ज करवा दिया था।
पत्रकारों का आरोप है कि सरीला निवासी अमित द्विवेदी और शैलेन्द्र मिश्रा को नगर पंचायत सरीला अध्यक्ष पवन अनुरागी ने अपने एक बाबू की मदद से घर पर बुलाया था जब पत्रकार उसके घर पहुंचे तो योजनबद्ध तरीके से भाजपा नेता द्वारा अपने गुर्गों की मदद से पहले उन्हें जबरन पेशाब पिलाई और फिर निर्वस्त्र कर उनकी जमकर पिटाई कराई गई पिटाई का वीडियो भी बनवाया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।
इस घटना को लेकर मामला तूल पकड़ता देख पुलिस ने संज्ञान लेते हुए पीड़ित पत्रकारों की शिकायत पर नगर पंचायत अध्यक्ष सहित 6 लोगों पर मुकदमा दर्ज कर लिया है और फिर राजनीतिक दवाब में आकर पुलिस ने मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया है और नगर पंचायत अध्यक्ष से पुलिस ने सांठगांठ करके पत्रकारों के खिलाफ ही मुकदमा दर्ज कर लिया है जब मामले में पत्रकार संगठनों के दबाव और समाजवादी पार्टी द्वारा ट्वीट किए गया तो पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर खाना पूर्ति करने का प्रयास किया है।