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सोने gold की महत्ता, शुद्धता के नाम पर धोखाधड़ी, चुनौतियां और उपभोक्ता का अधिकार: जानिए सटीक विश्लेषण।

सोने gold की महत्ता, शुद्धता के नाम पर धोखाधड़ी, चुनौतियां और उपभोक्ता का अधिकार: जानिए सटीक विश्लेषण।

 

सोना gold एक विशेष महंगी धातु है सोना भारत में ही नहीं सारे विश्व में अपना खास महत्व रखता है भारत देश में सन 1800 और 1900 ईस्वी में सोने और अन्य धातु से मिले हुए सिक्के मुद्राओं का चलन सर्वाधिक चलते थे इसके बाद 1975- 90 तक धातु मिले सिक्के चलते थे भारत में सर्वाधिक सोना का उपयोग महिलाओं और पुरुषों द्वारा आभूषणों में प्रयोग किया जाता हैं सोने से औषधि दवा भी बनाई जाती है और सनातन धर्म में यह भी प्रचलन है की मृत्यु के समय थोड़ा सोना तुलसी गंगा जल मृतक के मुंह में भी डाला जाता है पूर्व समय की कहावत होती थी की मृत्यु के बाद सोना भी नहीं मिलेगा किंतु अब भारत देश में धीरे-धीरे समाज में विकास की गति बढ़ती गई लोग समृद्ध और सामर्थ्यवान हुए और सोना संपत्ति के रूप में थोड़ा-बहुत सभी उसका उपभोग करने लगे हैं मानव प्रवृत्ति धर्म और संस्कृति अनुसार मूर्तियों के निर्माण और साज सज्जा पहनावा की पूर्ति भी करते हैं वैवाहिक कार्यक्रमों में सोना चांदी सर्वाधिक उपयोगी माना जाता है इसके साथ ही धार्मिक कार्यों में भी इसकी खास मान्यता है सोने की मान्यता मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से लेकर मंदिर गुंबद से लेकर अन्य विविध आवश्यकताओं में हितकारी होते हैं।

इतने प्रकार होते हैं सोना।

सोना को प्रमुख रूप से चार भागों में विभक्त किया गया है जिसमें 24 कैरेट 100% धातु की शुद्धता 23 प्रतिशत 95% शुद्धता की 22 कैरेट 92% शुद्धता और 18% 75 प्रतिशत सोने की शुद्धता मानी जाती है जानकारों का कहना है कि सोना एक बहुत लचीली धातु होती है नक्काशी और काधवदार जेवरात 24 कैरेट के नहीं बनाए जा सकते हैं सोना मजबूती देने और लचीलापन हटाने के लिए सोना में प्रमुख रूप से तांबे चांदी प्लैटिनम पैलेडियम जस्ता निखिल धात मिलाई जाती है जिसमें मनचाहा रंग चढ़ाया जा सके यदि इन धातुओं को नहीं मिलाया जाता तो लचीलापन इतना ज्यादा होता है की नकाशी और कलाकारी युक्त जेवरात नहीं तैयार किए जा सकते हैं कुछ जेवरातों को छोड़कर जैसे मोर रिंग के साथ ही कड़े इनमें शुद्धता पाई जाती है भारत देश में एक गरीब से लेकर आमीर तक हर वर्ग अपनी स्थिति सामर्थ्य अनुसार सोना खरीदते है जिसका उपयोग आभूषण के रूप में करते हैं।

सर्वाधिक लाभ का धंधा सोना चांदी का व्यवसाय।

देखा जाए तो भारत देश में सोना सबसे महत्वपूर्ण ऐसी धातु है जो हर कोई व्यक्ति अपने समर्थ अनुसार जरूर खरीदना है सोने की ज़रूरतें पूंजी बनाने से लेकर धार्मिक वैवाहिक कार्यक्रमों में विशेष आवश्यकता के साथ ही सौंदर्यता का प्रतीक माना जाता है सोने के आभूषण खरीदने में हर कोई व्यक्ति खास दिलचस्पी रखते हैं जिसके कारण सोने चांदी के कारोबारी इससे खासा धन अर्जन करने लगे हैं व्यापारियों के धन अर्जन की लालसा के चलते शुद्ध सोने के जेवरातों से अधिकांशतः जनता वंचित हो रही है बताया जाता है कि वर्तमान विज्ञान के युग में यदि एक तोले सोने को 5 वर्ष में 10 बार बदल दिया जाए तो वह सोना शून्य हो जाता है वर्तमान समय पर जीएसटी और कारीगरी की लागत और एक य दो प्रतिशत बट्टा काटे जाने के बाद उपभोक्ताओं को खासा नुकसान होता है।

24 कैरेट के नाम पर छलावा।

देखने को मिलता है कि ग्राहक हर जगह 24 कैरेट सोने की बात करता है और 24 कैरेट सोना अपनी समझ अनुसार खरीदना भी है 24 कैरेट सोने की रसीद की उसे दुकानदार से दी जाती है लेकिन स्वर्ण आभूषण 24 कैरेट सोने से बनाया जाना संभव नहीं है दुकानदारों द्वारा 24 कैरेट की गारंटी दी जाती है जबकि वास्तविक स्थिति कुछ और होती है क्योंकि सोने के लचीलापन को कठोरता में परिवर्तित करने के लिए चांदी तांबा निखिल जस्ता पेटीएम पैलेडियम आदि धातुओं का मिश्रण आभूषणों में मजबूती के लिए किया जाता है और सोने का वजन भी बढ़ता है और इन धातुओं के मिश्रण से बढ़ने वाले बजन की कीमत सोना के दाम पर ही ली जाती है और जब कभी उस आभूषण को बेचा जाता है तो उसमें बट्टा काटा जाता है इसका सीधा मतलब है कि ग्राहकों के साथ स्वर्ण आभूषणों में कैरेट के नाम पर छलावा किया जाता है।

व्यापारियों की आय में जबरदस्त इजाफा।

सोना चांदी के आभूषण हर व्यक्ति के लिए आवश्यकता बन गई है अपने समर्थ अनुसार हर व्यक्ति सोना खरीदना जरूरी समझता है सोने की कीमत लगभग 7000 प्रति ग्राम से ऊपर चल रही है ऐसे में 24 कैरेट के नाम पर बेंचें जाने वाले आभूषणों में जो मिलावट होती है उसकी कीमत भी सोने के दम पर उपभोक्ता को अदा करना पड़ता है ग्रामीण क्षेत्र हो या शहरी क्षेत्र हो सोने के कारोबारी जबरदस्त मुनाफा कमाते हैं जबकि उपभोक्ता ऊंची कीमत पर जीएसटी और लेवर चार्ज देकर स्वर्ण आभूषण खरीदता है 24 कैरेट सोना मानकर लेकिन वास्तविक रूप में वह 24 कैरेट मिलावट के बाद नहीं रहता और 24 कैरेट में स्वर्ण आभूषण तैयार किया जाना संभव ही नहीं है।

जागरुकता की जरूरत।

सोना ऐसी धातु है कि हर कोई उसे पाना चाहता है उपहार के तौर पर सोना दिया जाना काफी शुभ माना जाता है अब तो वैवाहिक कार्यक्रमों के अलावा भी अन्य तरह से उपहार में अधिकारियों द्वारा भी सोना दिया जाने लगा है जानकार बताते हैं कि उपहार वाले स्वर्ण आभूषणों में अधिकतम 60% तक मिलावट होती है हालांकि यह कथित रूप से है इसका कोई प्रमाण नहीं है इस संबंध में कुछ लोगों का यह भी तर्क है कि सोने में मिलावट की जाएगी तो वह फट जाएगा तो वहीं सोने चांदी के कारोबारी द्वारा यह कहा गया कि कोई अपने व्यवसाय के बारे में क्यों बतायेगा तो वहीं धातुओं के विशेषज्ञ जानकारों से संपर्क किया गया तो उनके द्वारा बताया गया कि सोने की मजबूती हेतु अन्य धातुओं का मिलावट में प्रयोग किया जाता है लेकिन अब निजी लाभ के लिए व्यापारियों द्वारा अधिक मिलावट खोरी की जा रही है जिससे सोने चांदी के कारोबारी की विश्वसनीयता भी घट रही है सोने चांदी के धातुओं की अतिरिक्त जोड़ और टांके भी अधिक मात्रा में प्रयोग किया जा रहे हैं।

विशेष।

यह खबर लोगों की जानकारी के लिए संकलन और प्रकाशन किया गया है हमारा उद्देश्य जनता को जागरूक करना है ना कि किसी व्यक्ति या व्यापारी के खिलाफ कोई प्रयोजन है इसके
अगले समाचार में चांदी पर विशेष प्रकाश डाला जाएगा अगले अंक अगले एपिसोड में आप चांदी के संबंध में पढ़ेंगे और फिर इसके बाद मेरा एक अभियान चलेगा जिसमें गांव से लेकर शहर तक उपभोक्ताओं से 24 कैरेट के नाम पर हो रही धोखाधड़ी का खुलासा किया जाएगा।

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