7th Pay Commission : इन कर्मचारियों को नहीं मिल सकती पेंशन या ग्रेच्युटी! नियम सख्त हैं
7th Pay Commission : 7वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन और भत्तों में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। इस बदलाव के चलते अब कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति बेहतर हो रही है। साथ ही, कर्मचारियों के लिए पेंशन और ग्रेच्युटी का महत्व उनके वेतन जितना ही है। हालांकि, हाल ही में सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देश से कर्मचारियों को नई चिंता का सामना करना पड़ रहा है।
सरकार ने नए नियम की घोषणा की है
सरकार ने अब नए नियम की घोषणा की है, जिसमें कहा गया है कि अगर केंद्रीय कर्मचारी अपने कर्तव्यों में लापरवाही बरतते हैं तो उन्हें अपनी पेंशन और ग्रेच्युटी का लाभ नहीं मिलेगा। इस आदेश के मुताबिक, अगर कोई कर्मचारी नौकरी के दौरान कोई गंभीर अपराध करता है तो उसे ये लाभ नहीं मिल पाएंगे। केंद्र सरकार ने कर्मचारियों को कड़ी चेतावनी दी है, जिसकी अनदेखी करना उनके लिए नुकसानदेह हो सकता है।
अगर कोई कर्मचारी नियमों की अवहेलना करता है या अपने कर्तव्यों में लापरवाही बरतता है तो उसे पेंशन और ग्रेच्युटी का लाभ नहीं मिलेगा। यह अलर्ट खास तौर पर 8वें वेतन आयोग का इंतजार कर रहे कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह विनियमन इन व्यक्तियों के लिए अधिक महत्व रखता है।
मीडिया में आई एक अधिसूचना के अनुसार, ग्रेच्युटी और पेंशन रोकने का अधिकार उन अधिकारियों के पास होगा जो संबंधित कर्मचारी के लिए नियुक्ति प्राधिकरण का हिस्सा हैं। इसके अलावा, यदि कोई कर्मचारी लेखा परीक्षा और लेखा प्रभाग से सेवानिवृत्त होता है, तो नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) के पास उसकी पेंशन और ग्रेच्युटी रोकने का अधिकार होगा। यदि कोई कर्मचारी कार्यरत रहते हुए विभागीय या न्यायिक जांच में दोषी पाया जाता है, तो पेंशन और ग्रेच्युटी भुगतान के संबंध में उचित निर्णय सुनिश्चित करने के लिए संबंधित अधिकारियों को इसकी सूचना दी जानी चाहिए।
पेंशन या ग्रेच्युटी लाभ से कौन चूक सकता है?
सरकार ने हाल ही में केंद्रीय सिविल सेवा पेंशन नियम 2021 के तहत एक नया नोटिस जारी किया है। इस अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि यदि कोई कर्मचारी कार्यरत रहते हुए किसी गंभीर या जघन्य अपराध का दोषी पाया जाता है, तो उसे पेंशन या ग्रेच्युटी लाभ नहीं मिलेगा। इसके अलावा, यह आदेश केवल केंद्रीय कर्मचारियों के लिए नहीं है; इसे राज्य सरकारें भी लागू कर सकती हैं।