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रेगिस्तान में जलजला, विहिप नेता ने कहा सरस्वती नदी का उद्गम,, देखिए पूरी खबर।

 रेगिस्तान में बोरवेल के दौरान आया जलजला विहिप नेता ने कहा सरस्वती नदी का उद्गम,, देखिए पूरी खबर।

 

रेगिस्तान में बोरवेल के दौरान फूटी जलधारा समा गई 32 टन की बोरवेल मशीन नदी की तरह बहने लगी जलधारा,

विश्व हिन्दू परिषद के नेता ने कहा निकल पड़ी है सरस्वती नदी।

 

जैसलमेर के रेगिस्तान में बोरवेल के दौरान ऐसी घटना घटी की देख कर सब हैरान है रेगिस्तान में मीठे पानी के लिए कराए जा रहे बोरवेल के दौरान लगभग 800 फीट गहराई तक बोरवेल की खुदाई की गई थी तभी ऐसी जलधारा फटी की बोरिंग करने वाली 22 टन बजनी बोरिंग मशीन उस गड्ढे में समा गई बताया जाता है कि किसान द्वारा खेत में कराए जा रहे मीठे पानी के लिए बोर के दौरान यह घटना हुई और जमीन के अंदर से फूटी जलधारा लगभग 4 फीट ऊपर तक पानी फेंक रही है खेत तालाब में तब्दील हो गया है आसपास के खेतों में भी काफी जल भरा हो गया है और बोर से निकल रहा पानी अब तालाब से आगे निकलकर नदी का आकार ले चुका है, इस घटना की बाद आसपास के गांव में सुरक्षार्थ 500 मीटर की दूरी तक बने घरों को खाली करवा दिया गया है

ग्रामीणों में मची भगदड़।

घटना जैसलमेर के मोहनगढ़ इलाके की बताई गई है जहां भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय नेता विक्रम सिंह द्वारा अपने खेत में दो दिन पूर्व बोरवेल मशीन लगाकर बोर कराया जा रहा था मीठे पानी के लिए 800 फीट से अधिक की खुदाई की जा चुकी थी और सुबह करीब 10 बजे जैसे ही बोरवेल मशीन गड्ढे से मशीन निकालना की तैयारी कर रही थी तभी जलधारा फूट गई और गहराई में बोर करने के लिए बनाए गए गड्ढे में खड़ी बोरवेल मशीन डूब गई बताया जाता है कि जलधारा का प्रेशर काफी तेज था और 4 फीट से अधिक ऊपर तक पानी उठकर खेत में गिर रहा था। इस घटना के बाद भगदड़ मच गई आसपास की ग्रामीण अपना मकान खाली कर दूर चले गए मौके पर पुलिस और भूजल विभाग के अधिकारी पहुंचे थे।

विश्व हिन्दू परिषद नेता ने कहा सरस्वती नदी हैं।

इस घटना को लेकर विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल द्वारा कहा गया यह जलधारा सरस्वती नदी का उद्गम है उन्होंने कहा कि यहां पर एक समय था जब सरस्वती नदी निकलती थी और फिर विलुप्त हो गई थी अब एक बार फिर सरस्वती नदी अपना रास्ता तलाश करते हुए बाहर आ गई है।

इस कारण निकली जलधारा।

इस घटना को लेकर भूजल विभाग के लिए अधिकारियों का कहना है कि जमीन में निचली परतों के टूटने से प्रेशर के साथ पानी ऊपर आया है , यहां गैस के रिसाव जैसी कोई स्थिति नहीं है, यहां पर सैंड स्टोन और कठोर मिट्टी के नीचे पानी मिलता है, जो कि स्टोन और मिट्टी में दबा रहता है गहराई की इन परतों को जैसे ही तोड़ा जाता है वहां से पानी का प्रेशर निकलता है ऐसी घटनाएं ग्राउंड वाटर की एक condition आर्टिसिन कहलाती हैं। इस क्षेत्र में जलस्तर काफी ऊंचाई पर है इसलिए बोर के दौरान जब निचली परत को तोड़ा गया तो अपनी प्रेशर के साथ ऊपर आ गया जब वाटर लेवल मेंटेन हो जाएगा तो जमीन से निकलने वाली जलधारा अपने आप बंद हो जाएगी।

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