तमिलनाडु की राजनीति में बड़ा उलटफेर! विजय थलापथी की पार्टी के मंच पर दिखे प्रशांत किशोर – क्या नई सियासी जंग शुरू होने वाली है?
Prashant Kishore and Vijay Thalapathy: अभिनेता-राजनेता और तमिलनाडु वेत्री कझगम (टीवीके) प्रमुख विजय तमिलनाडु में 2026 के चुनावों के लिए पूरी तरह तैयार हैं। विजय ने महाबलीपुरम में एक सार्वजनिक बैठक की, जिसके बाद पार्टी ने अपनी पहली वर्षगांठ मनाई। उनके साथ चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर भी थे। प्रशांत किशोर पूरे भारत में अपनी जबरदस्त चुनावी(tremendous election) रणनीति के लिए जाने जाते हैं, ऐसे में इन दोनों के आने से चुनावी हलचल मचना तय है। तमिल सुपरस्टार(tamil superstar) और नेता विजय थलापथी की पार्टी तमिलनाडु वेत्री करगम (TVK) की पहली वर्षगांठ पर एक बड़ा राजनीतिक मोड़ देखने को मिला। इस खास मौके पर देश के चर्चित चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (PK) की मौजूदगी ने सभी को चौंका दिया है।
प्रशांत किशोर और विजय थलापथी की मुलाकात – क्या नया समीकरण बन रहा है?
Prashant Kishore पहले भी कई बड़े राजनीतिक दलों और नेताओं की रणनीति बना चुके हैं, लेकिन अब उनकी तमिलनाडु की राजनीति में एंट्री कई सवाल खड़े कर रही है। विजय थलापथी की पार्टी अभी नई है, लेकिन उनकी फैन फॉलोइंग और राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को देखते हुए यह संभावित गठजोड़ राज्य की सियासत में बड़ा बदलाव ला सकता है।
चुनावी हलचल और PK की संभावित रणनीति
political गलियारों में इस बात की चर्चा गरम है कि प्रशांत किशोर विजय थलपति से मुकाबला करने के लिए कोई बड़ी रणनीति तैयार कर सकते हैं। अगर यह गठबंधन ठोस योजना के तहत हुआ तो यह तमिलनाडु की राजनीति का सबसे बड़ा मास्टरस्ट्रोक(masterstroke) साबित हो सकता है।
PK के आने से क्या बदल सकता है तमिलनाडु की राजनीति?
Tamil Nadu में अब तक DMK और AIADMK के बीच सत्ता संघर्ष देखा गया है, लेकिन TVK का उदय और प्रशांत किशोर का समर्थन इस चुनावी समीकरण को बदल सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या पीके यहां किसी नई रणनीति के तहत काम कर रहे हैं या यह महज एक सामान्य बैठक थी।
क्या विजय थलापथी 2026 के विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रहे हैं?
सूत्रों के अनुसार, विजय थलपति पदयात्रा शुरू करने की योजना बना रहे हैं, जिससे उनकी Party को लोगों के करीब लाने में मदद मिल सकती है। यदि इसमें पीके का दिमाग शामिल हो तो यह निश्चित रूप से राज्य की राजनीति को हिला सकता है।
यह देखना अभी बाकी है कि प्रशांत किशोर का तमिलनाडु दौरा एक नए राजनीतिक अध्याय की शुरुआत है या फिर महज एक साधारण कार्यक्रम में शामिल होना मात्र है। राजनीतिक हलचल तेज हो गई है और सबकी निगाहें आगे की रणनीति पर टिकी हैं!