महिलाओं का शारीरिक शोषण करने उन्हें उठाकर ले जाते हैं TMC नेता -? मामले को हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान।

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महिलाओं का शारीरिक शोषण करने उन्हें उठाकर ले जाते हैं TMC नेता -? मामले को हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान।

समय बहुत बदल गया है और यह बदलाव केवल भौतिक विकास तक ही सीमित नहीं है यहां मनुष्य के चाल चलन और चरित्र में भी हुआ है इन दिनों पश्चिम बंगाल में TMC कार्यकर्ताओं के ऊपर जो आरोप लगा है वह सिर्फ राजनीतिक पार्टी के लिए शर्मिंदगी भरी बात नहीं है बल्कि इंसानियत को शर्मशार करने के लिए काफी है और सभ्य समाज के लिए तो बेहद शर्मिंदगी वाली घटना है बंगाल में टीएमसी कार्यकर्ताओं के ऊपर जो आरोप लगा है वह समाज के लिए काफी चिंताजनक है जो आरोप लगाया गया है उनके मुताबिक टीएमसी कार्यकर्ता सर्वेक्षण के बहाने घर घर जाकर देखते हैं और कि जो खूबसूरत महिलाएं और लड़कियां उन्हें मिलती है उसे उठाकर ले जाते हैं और वे उसे रात भर अपने साथ रखकर शारीरिक शोषण करते हैं बता दें कि पश्चिम बंगाल में टीएमसी की ममता बनर्जी सरकार है बंगाल के उत्तर 24 परगना स्थित संदेशखाली नामक एक गांव है जहां पिछले महीने से देश और दुनिया की नजरें वहां हुई शर्मनाक घटनाओं को लेकर टिकी है।

यह सनसनीखेज आरोप।

कथित टीएमसी कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं के ऊपर यह आरोप लगा है कि यहां बहू बेटियों का उत्पीड़न उसके द्वारा किया जा रहा है इन घटनाओं के विरोध बीते 5 फरवरी से यहां प्रदर्शन भी किया जा रहा है चल रही खबरों के अनुसार संदेशखाली गांव की महिलाओं के द्वारा शाहजहाँ के आदमियों और टीएमसी कार्यकर्ताओं पर तथा स्थानीय नेताओं पर यह आरोप लगाया गया है की ये पहचान छिपाने के लिए एक स्कार्फ का उपयोग करते हैं और घर-घर जाकर सर्वेक्षण करते हैं जो भी खूबसूरत महिला या लड़की मिलती हैं उन्हें उठाकर पार्टी कार्यालय लेकर जाते हैं और उनका शारीरिक शोषण करते हैं।

क्या कहते हैं मुख्यमंत्री और राज्यपाल।

हालांकि इस घटना को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रतिक्रिया दिया है उन्होंने कहा कि जो लोग जिम्मेदार थे उन्हें सलाखों के पीछे डाल दिया गया है।उन्होंने यह भी कहा कि हर स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है और आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं ममता बनर्जी का बयान उस दिन आया था जब पश्चिम बंगाल के राज्यपाल बोस संदेशखाली गए थे और वहाँ कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे इस घटना को लेकर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल बोस ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को सौंपी अपनी रिपोर्ट में बताया है कि संदेशखाली में कानून व्यवस्था संभालने के जिम्मेदार लोगों की उपद्रवी तत्वों से सांठगांठ है उन्होंने यह भी बताया कि रिपोर्ट में राज्यपाल ने कहा कि स्थानीय लोग आरोपों की जांच के लिए विशेष कार्यबल या विशेष जांच टीम की आवश्यकता बताई है।

हाईकोर्ट ने लिया मामले का संज्ञान

पश्चिम बंगाल के हाईकोर्ट ने इस घटना को संज्ञान में लिया है कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बीते मंगलवार को स्थानीय महिलाओं के यौन उत्पीड़न और आदिवासियों की जमीन पर जबरन कब्जा करने अतिक्रमण करने के आरोपों पर बीते मंगलवार को स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को एक सप्ताह में इस घटना पर की गई कार्रवाई एवं विस्तृत जानकारी के समेत रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है।

 

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