Loksabha election, चुनाव परिणामों से एकदलीय बहुमत की तानाशाही और अघोषित आपातकाल का परिदृश्य होगा समाप्त : अजय खरे।
रीवा। समता संपर्क अभियान के राष्ट्रीय संयोजक लोकतंत्र सेनानी अजय खरे ने 2024 लोकसभा चुनाव परिणामों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि इससे एकदलीय बहुमत की तानाशाही को झटका लगा है। देश के लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए यह काफी आशाजनक हैं। श्री खरे ने कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी का दावा करने वाली भाजपा को इस चुनाव में अपनी औकात समझ में आ गई है। प्रधानमंत्री मोदी का अबकी बार 400 पार का दावा तार तार हो गया। धन-बल , बाहुबल और प्रचार तंत्र के जरिए बड़े पैमाने पर मतदाताओं को भरमाने का हथकंडा इस बार काम नहीं आया। वाराणसी लोकसभा क्षेत्र से 2014 और 2019 के मुकाबले इस चुनाव में मोदी की जीत का अंतर काफी कम हुआ है। साम दाम दंड भेद के बावजूद प्रधानमंत्री मोदी महज 152000 बोट के अंतर से जीत दर्ज करा पाए हैं। उनके एक अकेला सब पर भारी के बड़बोलापन का भी खुलासा हो गया है।
श्री खरे ने कहा कि राम के नाम पर वोटों की सौदागरी करने वाली पार्टी को उत्तर प्रदेश और खास तौर से राम जन्मभूमि अयोध्या , चित्रकूट और प्रयागराज जैसे धार्मिक नगरों के मतदाताओं ने अच्छा खासा सबक सिखाया है। अयोध्या की फैजाबाद लोकसभा सीट के अलावा चित्रकूट और प्रयागराज में भी भाजपा को हार मिली है। भाजपा अकेले अभी भी बहुमत से दूर है। श्री खरे ने कहा कि सन 1977 के लोकसभा चुनाव परिणामों से देश को आपातकाल से राहत मिली थी ठीक उसी तरह 2024 के लोकसभा चुनाव परिणामों से देश में अघोषित आपातकाल जैसा माहौल समाप्त होगा।
श्री खरे ने कहा कि भारत के लोगों ने मोदी सरकार के अहंकार और तिलस्म को पटकनी दी है। अपने विरोधियों को पदलोलुप कहने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने के बावजूद इस बार एनडीए नेता के रूप में अपनी दावेदारी कर सकते हैं। क्या यह पदलोलुपता नहीं है।