singrauli news : कबाड़ी बिना किसी परमिशन के ट्रक में कबाड़ लोड कर लें जा रहा यूपी ,क्षेत्र में आधा दर्जन घोषित एवं अघोषित कबाड़ की दुकाने

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singrauli news : बैढ़न इलाके में कबाड़ का कारोबार पकड़ जोर, पुलिस अंजान

 

singrauli news  :कोयला, कबाड़ और डीजल के लिए ऊर्जाधानी लंबे समय से बदनाम रहा है। यहां के औद्योगिक कंपनियों में कबाड़ियों की गिद्ध की तरह नजर रहती है और मौका मिलते ही चोरी की घटनाओं को अंजाम दे देते हैं।इन दिनो कोतवाली क्षेत्र में कबाड़ चोरी और बिक्री का कारोबार जोरो पर है। यहां बिना परमिशन के करीब आधा दर्जन कबाड़ की दुकानें संचालित है । जहां दिन-रात बिना किसी रसीद दिए खरीदी और बिक्री करते हैं। ऐसा ही एक नजारा कोतवाली थाना क्षेत्र के तेलाई मोड़ स्थिति कबाड़ी के यहां देखने को मिला।

जहां कबाड़ी बिना किसी परमिशन के ट्रक में अवैध कबाड़ लोड कर रहा था। मिली जानकारी के अनुसार तेलाई मोड़ स्थित बिना परमिशन के कबाड़ दुकान संचालित है। आज दोपहर कबाड़ी ट्रक में कई घंटे तक अवैध कबाड़ लोड करते रहे। लेकिन कोतवाली क्षेत्र के पुलिस की नजर नही पड़ी। वहीं सड़क से लगे कबाड़ गोदाम में कई घंटे तक बेफिक्र होकर ट्रक को कबाड़ से लोड करते रहे। शाम होते ही कबाड़ी लाखों का कबाड़ लोड करके गायब हो गया।

सूत्रों की माने तो कबाड़ी चोरी का सामान कूलर, पंखा, और निर्माणाधीन मकानों के सेंटरिंग, दरवाजा, खिड़की औद्योगिक कंपनियो के महंगे पार्ट्स को बिना कोई रसीद के कम दामों में खरीदते हैं। कबाड़ी इन सामानों को तोड़कर ट्रैकों के जरिए उत्तर प्रदेश ले जाकर ऊंचे दामों में बेच देते हैं। सूत्रों की माने तो पुलिस इन कबाड़ि़यों पर कार्रवाई करने से परहेज करती हैं यहा बताते चले कि पिछली माह तत्कालीन एसपी निवेदीता गुप्ता के निर्देश पर माजन मोड़ पर भानु नामक कबाड़ कारोबारी का ट्रक बेश कीमती पार्टस के साथ पकड़ाया गया था ।

किन्तु एसपी की उक्त कार्रवाई में से कोतवाली पुलिस को नागवा लागा था लेकिन एसपी के आगे इनकी नही चली थी। इधर एक कबाड़ कारी को छोड़ कर अन्य कबाड़ कारियों पर कार्रवाई न करने से यही वजह है कि यह कबाड़ी हर हफ्ते ट्रैकों में लाखों का कबाड़ भरकर उत्तर प्रदेश पहुंचा रहे हैं। वही सूत्र बताते हैं कि कोतवाली क्षेत्र में अवैध कारोबार जोर पकड़ा हैं। हैरानी इस बात की है कि यह कबाड़ दुकान पुलिस लाइन रोड में संचालित है। यहां से अधिकारी से लेकर सिपाहियों का आना जाना है लेकिन इन्हें कबाड़ी नजर नहीं आता। जबकि कबाड़ कारोबारी बड़े स्तर पर काम कर रहा हैं।

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