singrauli news : नहरों की साफ-सफाई लाखों रुपये का घोटाला ,नहरों की नहीं हुई साफ-सफाई, कहीं टूटी तो कहीं कचरे से भरी
गेहूं सिंचाई के लिए काचन जलाशय से छोड़ा जाएगा पानी, फसलों का होगा नुकसान
सिंगरौली समाचार . जिले के 38 गांवों में फसलों को पानी पहुंचाने वाले काचन जलाशय से निकली नहरों की स्थिति खराब होने से किसानों की चिंता बढ़ गई है। कहीं नहर फूटी है, तो कहीं कचरे से भरी है। ऐसे में उक्त जलाशय से होने वाली 38 गांव की फसलों की सिंचाई पर प्रश्रचिह्न लग गया है।
गौरतलब है कि काचन जलाशय से बिहरा, नौगई, पोड़ी, कंजी, भाड़ी, बरौहा, देवरी, खुटार, गहिलरा, खटखरी सहित 38 गांवों को सिंचाई के लिए नहरों के माध्यम से पानी दिया जाता है। नहरों से इन गांव में किसानों की 2600 हेक्टेयर फसल को पानी पहुंचता है। इन दिनों गेहूं की बोवनी हो चुकी है और अब फसल के लिए पानी की जरूरत है, लेकिन कचना जलाशय से निकली नहरों की हालत खराब होने से इन गांव के किसानों को पानी नहीं मिल पाएगा।
जहां से नहर फूटी है, वहां से आगे पानी नहीं जा पाएगा और जहां खरपतवार और कचरा भरा है, वहां पानी ब्लॉक हो चुका है। ऐसे में आने वाले समय में सिंचाई के लिए पानी मिल पाएगा, इसमें संशय ही बना हुआ है। जबकि जल संसाधन विभाग द्वारा बरसात खत्म होने के बाद नहरों का रख-रखाव कराया जाता है, ताकि आने वाले समय में फसलों को पर्याप्त पानी पहुंच सके। लेकिन कचान जलाशय से निकली नहरों का कोई मेंटेनेंस नहीं किया गया। इससे सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पाएगा।
कैसे होगी सिंचाई…
गेहूं के पौधे निकल आए हैं और अब जल्दी ही हमें सिंचाई की जरूरत पड़ेगी, लेकिन नहर टूटी होने से पानी कैसे मिल पाएगा।
-छोटेलाल शाह, कृषक कंजी
नहर में तो खरपतवार उग आई है तथा उसमें कचरा भरा हुआ है। पानी आगे जाएगा ही नहीं तो हमारी फसलों का क्या होगा?
-राजेंद्र शाह, गहिलरा
अधिकारी बोले-करवा रहे हैं सफाई
काचन जलाशय से निकली नहरों का मेंटेनेंस कराया जा रहा है। जहां पर कचरा है, उसे साफ करवाकर पानी की बेहतर निकासी का रास्ता बनाया जा रहा है। जब तक सिंचाई के लिए पानी की जरूरत होगी, तब तक नहर को दुरुस्त कर लिया जाएगा।
-संकटमोचन तिवारी, एई जल संसाधन विभाग सिंगरौली