MP news:पैदा हुई तो जीवित रहने की आस नहीं थी मुश्किल से पाला, खेत में लगी आग में जल गई 8 माह की मासूम!

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MP news:पैदा हुई तो जीवित रहने की आस नहीं थी मुश्किल से पाला, खेत में लगी आग में जल गई 8 माह की मासूम!

 

 

 

 

 

 

 

 

 

कटनी। रीठी तहसील के बांधा इमलाज गांव निवासी रवि कुशवाहा के घर आठ माह पहले बेटी का जन्म हुआ था। बेटी कम दिनों में ही पैदा हो गई थी और चिकित्सकों ने परिवार को बच्ची के ज्यादा दिन तक जीवित रहने की उम्मीद न करने को कहा था। माता-पिता उसे घर लेकर आए और आठ माह तक उसकी मालिश व सेवा कर उसे तंदुस्त कर दिया, लेकिन नियति को कुछ और मंजूर था। शहर के झिंझरी में सिकमी में खेती करने वाले परिवार के सदस्य बेटी काे धूप में खटिया में सुलाकर काम में लग गए। खटिया के पास पराली में अचानक आग भड़क उठी और बच्ची उसकी चपेट में आ गई। जब तक उसे बचाने परिवार के लोग पहुंचे, तब तक मासूम जलकर खाक हो गई। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

 

 

 

 

 

 

 

खेत में काम कर करते हैं गुजारा
जानकारी के अनुसार बांधा-इमलाज निवासी रवि कुशवाहा पिछले तीन साल से पत्नी रजनी कुशवाहा के साथ माधवनगर थाना क्षेत्र के झिंझरी में मुन्ना गुमास्ता के खेत सिकमी में लेकर उसमें खेती करते हुए अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा है। रवि के एक बेटा और एक बेटी थी।

 

 

 

 

 

 

तीसरी संतान थी सोनिया
आठ माह पहले उसके घर में तीसरी संतान के रूप में एक और बेटी पैदा हुई लेकिन उसका जन्म कम समय में होने से वह कमजोर थी। अस्पताल से बच्ची को लेकर आने के दौरान चिकित्सकों ने उसकी हालत को देखते हुए ज्यादा दिन तक जीवित न रहने की आशंका जताई थी।
पति-पत्नी ने मिलकर बच्ची का नाम सोनिया रखा और उसकी सेवा लगातार करते रहे, जिसके चलते वह तंदुरूस्त हो गई थी। सोमवार को मां ने बेटी की मालिश की और उसे खेत में ही बिछी खटिया में लिटा दिया। पास ही उसके दोनों बच्चे खेल रहे थे। इस बीच परिवार कुछ ही दूरी पर दूसरे खेत में काम में लग गया।

 

 

 

 

 

 

 

अचानक रोने की आवाज पर दौड़े
पति-पत्नी दूर काम में लगे थे और इस बीच बच्चों ने खेत की पराली व पैरा में आग लगा दी या पहले से मौजूद रही आग के माध्यम से खेत की पराली सुलग गई। देखते ही देखते आग ने बच्ची को घेर लिया और वह उसकी चपेट में आकर जोर से रोई तो दोनों बच्चे भी चिल्लाए। रोने की आवाज सुनकर पति-पत्नी दौड़े तो पाया कि मासूम सोनिया आग की लपटों से घिरी थी और पिता ने उसे बचाने का प्रयास किया लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। बेटी को बचाने में उसके हाथ भी झुलस गए।

 

 

 

 

 

 

पुलिस को दूसरे दिन मिली जानकारी
घटना के बाद बच्ची का स्वजनों ने संस्कार कर दिया और इसकी जानकारी पुलिस को नहीं दी। पुलिस को दूसरे दिन घटना की जानकारी लगी। जिसके बाद झिंझरी चौकी प्रभारी प्रियंका राजपूत मौके पर पहुंची और घटना की जानकारी लेते हुए अवश्यक कार्रवाई करते हुए मामला जांच में लिया है।

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