Jabalpur News: बिना आवाज खोए हो सकेगी थायरॉयड की जटिल सर्जरी

बिना आवाज खोए हो सकेगी थायरॉयड की जटिल सर्जरी
Jabalpur News: जबलपुर में आवाज की नस को बिना नुकसान पहुंचाए थायरॉयड की सर्जरी(thyroid surgery) कर जबलपुर(Jabalpur) के डॉक्टरों ने मेडिकल साइंस(medical science) की दुनिया में नई क्रांति लाई है। मेडिकल science की दुनिया में प्रतिष्ठित द लैगिंगोसकोप जनरल ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर(Medical College Jabalpur) के डॉक्टरों की केस हिस्ट्री प्रकाशित की। इसके साथ ही थायरॉयड सर्जरी पर डॉक्टरों के शोध ‘टोएक्टवा ट्रांस ओरल एंडोस्कोपिक वेस्टिबुलर एप्रोच’ ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है। दरअसल, Telescope से थायरॉयड सर्जरी देश के 25 से अधिक सेंटरों पर होती है लेकिन सर्जरी के बाद मरीज की आवाज खोने या बदलने का खतरा अधिक है। वहीं जबलपुर मेडिकल कॉलेज के doctors की नई तकनीक से यह खतरा लगभग नहीं के बराबर होता है। अब तक 100 से अधिक सफल ऑपरेशन भी किए जा चुके हैं, जिसमें साइड इफेक्ट नहीं दिखा।
मेडिकल कॉलेज के ब्रेस्ट, थायरॉयड एंड एंडोक्राइन सर्जन डॉ. संजय कुमार यादव ने बताया कि दूरबीन से थायरॉयड सर्जरी को और भी सुरक्षित बनाया गया है। यह एक नई सर्जिकल विधि(new surgical method) है। इनमें थायरॉयड लोब तक पहुंचने में मदद मिलती है, त्वचा(skin) पर निशान नहीं आता है। अब तक 100 से अधिक सर्जरी की गई है। लेकिन किसी मरीज ने आवाज में shift होने या आवाज खोने की शिकायत नहीं की है।
thyroid के मरीजों की सर्जरी का सबसे बड़ा खतरा आवाज की नस के क्षतिग्रस्त होने का होता है। इससे कई बार surgery के बाद या तो मरीज की आवाज बदल जाती है या फिर भारीपन आने से मरीज नई समस्या से घिर जाते हैं। कुछ मामले ऐसे भी हुए जब मरीज ने पूरी तरह से अपनी आवाज खो दी।