Satna News: शहीद रामचरण को नम आंखों से दी अंतिम विदाई, 8 माह बाद था रिटायरमेंट

एक साल पहले पदोन्नति, छोटे बेटे की अप्रैल में थी शादी
Satna News: मऊगंज जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र के गड़रा गांव में हुई दुर्घटना में कर्तव्य निर्वहन के दौरान शहीद हुए एएसआई (25वीं बटालियन भोपाल) रामचरण गौतम कोठी थाना इलाके के पवैया निवासी थे। रविवार दोपहर तिरंगे से लिपटी उनकी पार्थिव देह गृहग्राम पहुंची। वहां उनके अंतिम दर्शन के लिए काफी संया में आसपास के ग्रामीणजन आए। एक तरफ जहां परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था, वहीं गांव का माहौल गमगीन हो गया।
शहीद के शव से लिपटकर पत्नी को बिलख-बिलखकर रेाता देख हर किसी की आंखें नम हो गईं। मौके पर राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी, कलेक्टर डॉ सतीश कुमार एस, एसपी आशुतोष गुप्ता सहित अन्य अधिकारियों ने पुष्प चक्र समर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की। अंतिम यात्रा में कलेक्टर एवं एसपी ने शहीद की अर्थी को कंधा दिया। राजकीय समान से हुई अत्येष्टि में पुलिस ने अंतिम विदाई में गार्ड ऑफ ऑनर दिया। शहीद एएसआइ गौतम को उनके बड़े बेटे सुनील में मुखाग्नि दी। राज्यमंत्री ने कहा कि यह केवल एक परिवार की नहीं, बल्कि समाज और पूरे प्रशासनिक तंत्र की अपूरणीय क्षति है।
Mauganj में शहीद हुए ASI Ramcharan Gautam के परिवार में पत्नी पुष्पा, तीन बेटे सुनील, दिनेश, चंद्रमणि व दो बेटियां नीता व अर्चना हैं। दो बेटों और बेटियों की शादी हो चुकी है। सबसे छोटे बेटे की अप्रैल में शादी होनी थी। ASI Gautam तीन भाइयों में मझले थे। बड़े भाई police department से रिटायर हैं। छोटा भाई भी पुलिस विभाग में पदस्थ है। पारिवारिक लोगों ने बताया कि कुछ दिन पहले ही एएसआइ गौतम अपने गांव आए थे। एक साल पहले ही पदोन्नत होकर वे एएसआई बने थे। 8 माह बाद यानी इसी साल अक्टूबर में सेवा से रिटायर होने वाले थे। एएसआइ गौतम और उनका परिवार रिटायरमेंट के बाद की योजनाओं पर विचार कर रहा था। घर में सब कोई खुश था कि रिटायरमेंट के बाद सब साथ में होंगे, लेकिन उसके पहले ही परिवार की खुशियां मातम में बदल गईं। करीब डेढ़ साल पहले ही उनका मऊगंज में तबादला हुआ था।
सरकार की घोषणा- 1 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद
Dr. Mohan Yadav ने मऊगंज की घटना पर दुख व्यक्त किया। कहा कि शाहपुर थाना क्षेत्र के गड़रा गांव में हुई दुर्घटना में कर्तव्य निर्वहन के दौरान अपने प्राणों का उत्सर्ग करने वाले एएसआई रामचरण गौतम को शहीद का दर्जा दिया जाएगा। स्व. गौतम के आश्रितों को एक करोड़ रुपए की सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी। शहीद के पात्र उत्तराधिकारी को शासकीय सेवा में लिया जाएगा। यह उनके बलिदान के प्रति श्रद्धा, आस्था और राज्य सरकार की परंपरा व कर्तव्य का प्रकटीकरण है। घायलों के इलाज के लिए यथा योग्य व्यवस्था की जा रही है।