सिंगरौली

Singrauli News: पापा के सपने को बेटे ने बनाया अपना, सत्येंद्र की यूपीएससी में 624वीं रैंक

कामयाबी: दो बार यूपीएससी प्रीलिम्स कर चुके थे क्रैक, मेंस नहीं हुआ था क्लियर, अब जीती जंग

Singrauli News:  होनहार बिरवान के होत चिकने पात… यह कहावत जिला मुख्यालय गनियारी निवासी सत्येंद्र शाह पर सटीक बैठती है। सत्येंद्र ने एडवोकेट पिता के सपने को अपना बना लिया। उन्होंने बिना कोई कोचिंग किए ऑल इंडिया रैंकिंग में 624वां स्थान प्राप्त किया है। हालांकि पहले दो प्रयास में उन्हें असफलता मिली लेकिन तीसरे प्रयास में वह यूपीएससी परीक्षा पास कर लिए। सत्येंद्र की कामयाबी पर पूरा परिवार सहित नात रिश्तेदार बधाई दे रहे हैं। घर में आने वाले शुभचिंतक लड्डू मिठाई खिलाकर खुशियां मना रहे।

गनियारी निवासी सत्येंद्र शाह दो भाई और एक बहन हैं। छोटे भाई शुभम बीटेक दिल्ली से कर रहे हैं। जबकि 25 वर्ष के सत्येंद्र शाह स्कूली पढ़ाई करने के बाद डीयू यूनिवर्सिटी से बीए फर्स्ट क्लास उत्तीर्ण किया। इसके बाद जेएनयू से पीजी के फाइनल एग्जाम की पढ़ाई कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में प्रीलिम्स एग्जाम दो बार क्रेक किया, लेकिन मेंस क्लियर नहीं हो पाया। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने अपना इरादा नहीं बदला था। वे तैयारी करते रहे। इसके बाद वे तीसरी बार फिर एग्जाम में बैठे थे। इस बार वह प्रीलिम्स और मेंस परीक्षा में सफल हुए। ऑल इंडिया रैंकिंग में 624वां स्थान प्राप्त किये। सत्येंद्र शाह के पिता एडवोकेट रमेश शाह ने बताया कि घर में हमेशा से पढ़ाई का माहौल रहा है। सत्येंद्र बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल रहे हैं। एलकेजी से लेकर 10वीं तक की पढ़ाई डीएवी स्कूल बैढ़न में हुई। जबकि 12वीं गणित विषय से डीएवी निगाही में हुई। स्कूली पढ़ाई में वह हमेशा टॉप थ्री रैंकिंग में रहे।

दो बार मिली असफलता

सत्येंद्र बिना कोई कोचिंग किए पढ़ाई करते हुए यूपीएससी की तैयारी करते रहे। उन्होंने दो बार यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में प्रीलिम्स एग्जाम भी क्रेक किया लेकिन मेंस क्लियर नहीं हुआ। इसके बावजूद हार नहीं मानी। उन्होंने अपना इरादा नहीं बदला था। वे तीसरी बार फिर एग्जाम में बैठे थे। इस बार वह प्रीलिम्स और मेंस परीक्षा में सफल हो गए। हर कामयाब व्यक्ति अपनी सफलता का श्रेय अपने माता.पिता व साथी और शिक्षकों को देते हैं। सत्येंद्र शाह के पिता ने बताया कि वह शुरू से ही पढ़ाई में होशियार रहा हैं और उन्होंने पूरे मन से तैयारी की थी।

पढ़ाई में अव्वल

सत्येंद्र बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल रहे। क्लास में वह टॉप 3 छात्रों में रहे। एडवोकेट पिता के भरोसे पर खरा उतरने की ठान ली थी। उन्होंने तय कर लिया कि वो यूपीएससी क्लियर कर आईएएस अधिकारी बनेंगे। सत्येंद्र 10वीं में 94.6 प्रतिशत और 12वीं गणित 92.5 प्रतिशत के साथ परीक्षा पास किए थे। इसके बाद वह दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीए करने लगे और वहां भी टॉप किया। लिहाजा उनका दाखिला जेएनयू हो गया। हालांकि पढ़ाई करते हुए भी वह अपना लक्ष्य नहीं भूले और वह यूपीएससी की तैयारी में जुटे रहे।

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