मध्य प्रदेशरीवा

MP news, जब सरकार देगी किसानों की दुर्दशा पर ध्यान तभी बनेगा समृद्ध रीवा और खुशहाल होगा किसान।

जब सरकार देगी किसानों की दुर्दशा पर ध्यान तभी बनेगा समृद्ध रीवा और खुशहाल होगा किसान।

सरहद पर देश की रक्षा करते जवान और किसानी में खेत पर किसान दोनों परेशान।

विराट वसुंधरा/ संजय पांडेय, गढ़
रीवा। जिले में इन दिनों बिजली और सिंचाई की सुविधा के कारण खेती लाभ का धंधा बन चुकी है लेकिन इसका लाभ किसानों के हक में नहीं जा रहा देखा जाए तो देश की सरहद में जवान और खेत और खेती में किसान दोनों की लगन ईमानदारी पर किसी प्रकार का प्रश्न नहीं उठाया जा सकता स्वतंत्रता के बाद हर दल हर सरकार द्वारा जय जवान जय किसान का नारा बुलंद किया जाता है किंतु देश की सरहद पर जवान शहीद हो रहे हैं और खेत की सरहद में किसानों की किसानी शहीद हो रही है आवारा पशुओं के कारण किसानो की फसल चौपट हो रही है किसानों द्वारा भरी बरसात कड़ाके की ठंड और भीषण गर्मी में किसान अपना खून पसीना बहाते हुए खेती करते हैं लेकिन उनकी खेती आवारा पशु चट कर जाते हैं इस भीषण ठंड में खेत की रखवाली करने के लिए मजबूर हैं फिर भी घने कोहरे के कारण आवारा मवेशी खेती को सफाचट कर रहे हैं देखने को मिल रहा है कि सुबह जब किसान उठते है तो अपना माथा पीटते हैं कि हमारी खेती उजड़ गई।

80 और 90 के दसक में नहीं थी सुविधाएं।

देखा जाए तो 80 और 90 के दसक से पहले मजदूर, हल, बैल, बैलगाड़ी का जमाना था सिंचाई के श्रोत कुआं तालाब और नदियों तक ही सीमित थे और रीवा जिले में सन् 1980 के पूर्व जहां रीवा जिले के मनगवां त्यौथर सिरमौर तहसील में तात्कालिक व्यवस्था के लिए प्रयागराज उत्तर प्रदेश से हरी सब्जियां आती थी वर्तमान समय पर रीवा जिले में किसानों की लगन मेहनत और उत्पादन क्षमता के कारण अब रीवा में सब्जियों का भारी पैमाने पर उत्पादन किया जा रहा है और जिले से बाहर सब्जियां भेजी जा रही है तो वहीं वहीं गेहूं और धान 1975 के पहले रीवा जिले में उत्पादन कम हो रहा था किंतु वर्तमान समय पर बिजली पानी की सुविधाओं और वैज्ञानिक पद्धति से किसानों द्वारा भरी मात्रा में उत्पादन किया जा रहा है लेकिन उस खेती को जंगली नीलगाय आवारा पशु चट कर जाते हैं और किसानों का जीना दुर्लभ कर दिए हैं ।

किसानों की ऐसे मदद कर सकती हैं सरकार।

किसानों की परेशानी को देखते हुए लोगों का कहना है कि सरकार द्वारा किसानों को जिस तरह से मेड़ बधान व अन्य कार्यों में अनुदान देती थी उसी प्रकार खेती की सुरक्षा के लिए बाउंड्री य तारवाड़ी और पानी की व्यवस्था दी जाए तो बहुत कुछ किसानों की फसल आवारा पशुओं से बचाई जा सकती है वर्तमान समय में जिस तरह से खेती लाभ का धंधा माना जा रहा है और किसानों द्वारा बढ़िया फसल तैयार की जा रही है उसकी रक्षा करना अत्यंत आवश्यक है अगर शासन द्वारा तार बाड़ी और पानी के लिए अनुदान दिया जाएगा तो किसान दलहन तिलहन और फल सब्जियों का इतना उत्पादन करेगा कि भारत के बाहर भी निर्यात करने की स्थिति बन जाएगी देखा जाए तो सरकार 10 वर्षों से किसानों की आय दुगनी करने की बात कर रही है आय तो दुगनी नहीं हुई किंतु दो गुना नुकसान जरूर देखने को मिल रहा है रीवा जिले की मनगवां तहसील त्योंथर तहसील मऊगंज जिले में आवारा मवेशियों की समस्या बनी हुई है इसके साथ ही जंगली एरिया के सभी गांव में इस तरह की समस्याएं निर्मित हो रही है।

विधायक सांसद और मंत्री दें ध्यान।

लोगों का कहना है कि सरकार जमीनी स्तर पर पटवारी से सर्वेक्षण कराकर किसानों के नुकसान की भरपाई और सुरक्षा की व्यवस्था करें जिससे किसान की खेती को बचाया जा सके क्योंकि इसी खेती से किसान अपने परिवार के लोगों की बीमारी में दवाई के साथ परिवार का शिक्षण भरणपोषण कार्य निर्भर है लेकिन खेती में हो रहे नुकसान के चलते किसान दिवालिया होने की कगार में पहुंच रहा है आज देखा जाए तो अच्छे उपजाऊ खेत मवेशियों के कारण बंजर पड़े हैं और इस कड़ाके की ठंड में कई किसानों की मृत्यु हो रही है जिसे गंभीरता से लेने की अवश्यकता है किसानों ने जिले के सांसद विधायक और विकास पुरुषों का ध्यान इस ओर दिलाया है कि किसानों की ऐसी विपदा और समस्याओं पर ध्यान दें यदि देश में जवान और खेत में किसान कमजोर हुआ तो देश उन्नति नहीं कर सकता है।

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