Rewa news नीलम अभय मिश्रा को कांग्रेस की लोकसभा टिकट मिलने से भाजपा को सताने लगा सेमरिया काण्ड-?
Rewa news नीलम अभय मिश्रा को कांग्रेस की लोकसभा टिकट मिलने से भाजपा को सताने लगा सेमरिया काण्ड-?
जैसा कि रीवा जिले की राजनीति में अभय मिश्रा एक ऐसा जाना पहचाना नाम है जो अपने काम काज के अंदाज से अधिक राजनीति में उलट फेर करने के लिए जाने जाते हैं भारतीय जनता पार्टी से राजनीति शुरू करने वाले अभय मिश्रा भले ही अब भाजपा में ना हो लेकिन भाजपा में आज भी उनके चाहने वालों की कमी नहीं है और कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा प्रत्याशी अभय मिश्रा की पत्नी पूर्व विधायक नीलम मिश्रा को बनाया है जो भाजपा से विधायक रही थी कहने वाले तो यह भी कहते हैं कि अभी उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता तक नहीं ली थी और रीवा में कांग्रेस की लोकसभा टिकट लेकर आ गए है तो वहीं दूसरी तरफ लंबे समय से लोकसभा और विधानसभा चुनाव में पराजित हो रही कांग्रेस पार्टी के लिए चुनाव जिताऊ नेता की जरूरत थी और इसी के चलते कांग्रेस पार्टी ने नीलम अभय मिश्रा को कांग्रेस पार्टी का प्रत्याशी बनाया है हालांकि खुद अभय मिश्रा लोकसभा प्रत्याशी होते तो बात कुछ और होती लेकिन यहां भी नाम अभय मिश्रा का ही चलेगा और चुनाव भी अभय मिश्रा अपने ही अंदाज में लड़ेंगे कांग्रेस के अधिकांश नेता अभय मिश्रा को लोकसभा प्रत्याशी के रूप में देखना चाहते थे लेकिन उन्होंने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था और अपनी पत्नी पूर्व विधायक नीलम मिश्रा के लिए राजी हो गए थे, लंबे समय से पराजय की मार झेल रहे रीवा जिले के कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के पास इस लोकसभा चुनाव को जीतने की ललक भी दिखाई दे रही है ऐसे में नीलम अभय मिश्रा को कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता जिताऊ लोकसभा प्रत्याशी मानकर अच्छी मेहनत करेंगे ऐसा माना जा रहा है।
हो सकती हैं जिताऊ प्रत्याशी नीलम अभय मिश्रा।
टिकट के पहले भले ही कांग्रेस पार्टी के नेताओं और टिकट के दावेदारों की राय नीलम अभय मिश्रा के पक्ष में पूरी तरह से ना रही हो और कांग्रेसी कार्यकर्ता अभय मिश्रा को ही प्रत्याशी के रूप में देखना चाहते थे लेकिन अब नीलम अभय मिश्रा की टिकट घोषित होने के बाद से कांग्रेस पार्टी के नेताओं और जमीनी कार्यकर्ताओं में इस बात की खुशी है कि लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए अभय मिश्रा की ताकत जरूरी थी इस बार लोकसभा चुनाव कांग्रेस के नेता इसलिए भी जीतना चाहते हैं कि राजनीति में कांग्रेस की वापसी हो सके और कार्यकर्ताओं का रुतबा बढे हालांकि बीते माह से ही अभय मिश्रा और नीलम मिश्रा को लेकर राजनीतिक गलियारे ही नहीं बल्कि गांव-गांव तक जन-जन में चर्चा शुरू हो गई थी की इस बार लोकसभा चुनाव में अभय मिश्रा कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी होंगे या फिर उनकी पत्नी होगी और ऐसा हुआ भी देखा जाए तो इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के पास खोने के लिए कुछ नहीं है और कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं के पास लोकसभा चुनाव हर हाल में जीतने की मजबूरी भी है लोकसभा टिकट से पहले भले ही कई दावेदार रहे हो उनकी अलग-अलग राय रही होगी लेकिन कांग्रेस के नेताओं को एक मंच पर लाने के लिए अभय मिश्रा काफी है संसाधन की कमी और दमदार नेता की कमी कांग्रेसियों को हर बार कमजोर करती थी लेकिन अब दोनों तरह से कांग्रेस पार्टी मजबूत दिखाई दे रही है इसके पीछे यह तर्क दिया जाता है कि एक तरफ जहां अभय मिश्रा रीवा जिले में पंचायत स्तर पर चर्चित चेहरा माने जाते हैं तो वहीं विपरीत परिस्थितियों में सफलता के झड़े गाड़ना उनको आता है और नीलम अभय मिश्रा जिताऊ प्रत्याशी मानी जा रही हैं।
भाजपा के लिए कमजोर कड़ी नीलम अभय मिश्रा।
देखा जाए तो अभय मिश्रा और उनकी पत्नी नीलम मिश्रा दोनों की राजनीति भारतीय जनता पार्टी से शुरू हुई थी पति-पत्नी दोनों भाजपा से विधायक रहे हैं और अभय मिश्रा जिला पंचायत के अध्यक्ष भी रहे हैं भारतीय जनता पार्टी संगठन में उनकी मजबूत पकड़ है इसके साथ ही भाजपा का संगठन किस तरह से चुनाव लड़ता है यह अभय मिश्रा को भली भांति पता है ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि भाजपा के वोटरों में भी अभय मिश्रा सेंधमारी करेंगे ऐसा कहा जाता है कि सेमरिया विधानसभा चुनाव में अभय मिश्रा को कामयाबी इसी कारण हाथ लगी है माना जाता है कि भाजपा का वोट बैंक भी उनके साथ जुड़ा हुआ है संगठन के कई बड़े नेता और कार्यकर्ता अभय मिश्रा के काफी नजदीक है और इसी का लाभ सेमरिया विधानसभा क्षेत्र में अभय मिश्रा को मिला है भाजपा के कुछ खास लोगों और अभय मिश्रा के बीच गहरे संबंध होना भाजपा की पराजय का कारण बताया जा रहा है देखा जाए तो सेमरिया से विधानसभा टिकट मांगने वालों और कुछ स्थानीय नेताओं की पोलिंग बूथ में मिले भाजपा के वोट इस बात के जीते जागते उदाहरण है। ऐसे में इस लोकसभा चुनाव में भी कुछ सेमरिया जैसा कांड हो सकता है इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता लोगों का कहना है कि जनार्दन मिश्रा जो लोकसभा भाजपा के प्रत्याशी हैं उनके पास राजनीति में बताने के लिए सिर्फ मोदी और उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला है अपने खुद के बूते भाजपा प्रत्याशी काफी पीछे हैं तो वहीं अभय मिश्रा की भाजपा नेताओं से कनेक्शन भाजपा की कमजोर कड़ी के रूप में माना जा रहा है यह अनुमान लगाया जा रहा है कि भाजपा को कांग्रेस कड़ी चुनौती देने वाली है और चुनावी दंगल दिलचस्प होगा।