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Rewa news, सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के गंदे खेल से देश होगा कमजोर,भेड़ों के झुंड की तरह नहीं हांका जाए मतदाताओं को : अजय खरे

Rewa news, सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के गंदे खेल से देश होगा कमजोर,भेड़ों के झुंड की तरह नहीं हांका जाए मतदाताओं को : अजय खरे

रीवा । समता संपर्क अभियान के राष्ट्रीय संयोजक अजय खरे ने कहा कि मतदाताओं को यह भी मालूम होना चाहिए कि लोकतंत्र में उनकी वोट की ताकत क्या है। मतदाताओं को भेड़ों के झुंड की तरह नहीं हांका जाना चाहिए। मतदान विवेक सम्मत होना चाहिए । भारत निर्वाचन आयोग 100% मतदान का जागरूकता अभियान चला रहा है जो केवल वोट प्रतिशत बढ़ाने के लिए ही नहीं बल्कि स्वतंत्र निष्पक्ष और निर्भीक मतदान कराने के लिए होना चाहिए। मतदाता को किसी भी अनुचित हस्तक्षेप से प्रभावित हुए बगैर विवेक सम्मत मतदान के लिए अभिप्रेरित किया जाना चाहिए। चुनाव आयोग को चाहिए कि मतदाताओं को जागरूकता अभियान के अंतर्गत नोटा के बारे में पर्याप्त जानकारी उपलब्ध कराई जाए। प्रत्येक उम्मीदवार के नकली मत पत्रों में नोटा के बारे में जानकारी अनिवार्य किया जाना चाहिए।

देश की राजनीति का साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण अत्यंत आपत्तिजनक और असंवैधानिक बात है। इसके गंदे खेल से देश कमजोर होगा। श्री खरे ने कहा कि शासकीय जमीनों पर अवैधानिक तरीके से बनाए गए पूजा गृहों के संबंध में भी प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है । उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा संपन्न होने जा रहे चुनाव के दौरान धार्मिक स्थलों में सभा करने या प्रचार करने की अनुमति नहीं देना अच्छी बात है। लेकिन इस दौरान गलत तरीके से बनाए जा रहे पूजा घरों का निर्माण कार्य जारी है। चुनाव आयोग को यह पता करना चाहिए कि संबंधित क्षेत्र में कितने पूजा गृह हैं जिनका विधिवत निर्माण नहीं किया गया है। क्या ऐसे पूजा गृहों के निर्माण की अनुमति नगर पालिका निगम के द्वारा प्रदान की गई है? अवैधानिक तरीके से बने पूजा घरों को चाहे वे किसी भी धर्म से संबंधित हों को जिला प्रशासन द्वारा संज्ञान में लिया जाना चाहिए।

श्री खरे ने कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ एफआईआर कायम होना चाहिए जो सार्वजनिक पार्कों का अस्तित्व खत्म करने पर आमादा हैं।विश्व विख्यात रवींद्रनाथ टैगोर के नाम पर बना शहर का बाल उद्यान चौपाटी में बदल गया है। उस पार्क में टैगोर प्रतिमा उपेक्षित हालत में मौजूद है। रीवा में विकास के नाम पर लोगों को भ्रमित किया जा रहा है। समूचा पर्यावरण बिगड़ गया है। यह भारी विडम्बना है कि शहर के बिगड़ते स्वरूप और बढ़ती आबादी को विकास बताया जा रहा है।

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