MP, पहले दौर में 06 लोकसभा सीटों पर कल होगा मतदान, इन सीटों पर कांग्रेस दे रही कड़ी टक्कर, BJP का 29-0 प्लान हो सकता है फेल।
MP में पहले दौर का 06 लोकसभा सीटों पर मतदान 19 अप्रैल को, इन सीटों पर कांग्रेस दे रही कड़ी टक्कर, BJP का 29-0 प्लान हो सकता है फेल।
मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी 29- 0 के प्लान पर काम कर रही है भाजपा का मानना है कि इस बार मध्य प्रदेश की सभी लोकसभा सीटें जीतने में कामयाब होगी लेकिन जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है मध्य प्रदेश की 29 सीटों में लगभग दर्जन भर सीटें ऐसी है जहां कांग्रेस पार्टी भाजपा को टक्कर देते नजर आ रहे है इन दर्जन भर सीटों में से आधा दर्जन से अधिक ऐसी लोकसभा सीटें हैं जहां भाजपा प्रत्याशियों की कांग्रेस प्रत्याशी पसीना छुड़ाते नजर आ रहे है।
19 अप्रैल को मध्यप्रदेश की 06 लोकसभा सीटों पर पहले चरण का मतदान होगा जिसमें जबलपुर, मंडला, बालाघाट, छिंदवाड़ा सीधी, शहडोल, सीटें शामिल हैं इस बार भारतीय जनता पार्टी के लिए यह चुनाव आसान नहीं होने वाला है भाजपा भले ही 29-0 प्लान तैयार करके चल रही लेकिन यहां पहले चरण के मतदान में ही छिंदवाड़ा मंडल और सीधी लोकसभा सीट पर कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी भाजपा को कड़ी टक्कर देते नजर आ रहे हैं इसके अलावा प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में लगभग आधा दर्जन से अधिक सीटें हैं जहां जहां कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी भाजपा के करीबी मुकाबले में नजर आ रहे हैं। हालांकि राज्य की अधिकांश ऐसी लोकसभा सीटों पर चुनावी रंग नजर नहीं आ रहा है लेकिन कुछ ऐसी सीटें हैं जहां प्रत्याशी अपने दम पर लोकसभा क्षेत्र में चुनावी रंग बिखेरने का प्रयास कर रहे हैं इसी के साथ कांग्रेस के कुछ ऐसे भी प्रत्याशी हैं जो अपने कद और राजनीतिक कौशल के साथ चुनावी मैनेजमेंट के जरिए भाजपा के लिए कड़ी चुनौती बने हुए हैं।
इन सीटों पर कांग्रेस दे रही कड़ी टक्कर।
मध्यप्रदेश की छिंदवाड़ा, राजगढ़, झाबुआ, मंडला, रीवा, सतना और सीधी जैसी कुछ सीटें हैं, जहां पर कांग्रेस उम्मीदवार अपने दम पर चुनाव में भाजपा को कड़ी टक्कर देते नजर आ रहे हैं इन सीटों पर अगर कांग्रेस पार्टी जीती तो भाजपा का 29- 0 का प्लान फेल हो जाएगा हालांकि इन लोकसभा सीटों में जरूरी नहीं है कि कांग्रेस पार्टी सभी सीटों में जीत सकती है यहां भी आंकड़ा 50-50 का हो सकता है अगर सात सीटों में तीन सीटें भी कांग्रेस के हाथ लग गई तो भाजपा के क्लीन स्वीप का सपना अधूरा रह जाएगा इस लोकसभा चुनाव में देखने को मिल रहा है की जनता के बीच अभी चुनावी रंग नहीं चढ़ा है कुछ लोग भाजपा के पक्ष में हैं तो कुछ बदलाव के मूड में हैं मतदान की तारीख नजदीक आ रही है वावजूद इसके अभी तक राजनीतिक पारा गरम नहीं हुआ है।
लोकसभा चुनाव में सन्नाटा।
इस लोकसभा चुनाव में सभी तरह से शांति कायम है जनता के बीच जाकर लोकसभा चुनाव के संबंध में जब बात की गई तो किसी ने कहा कि बीजेपी जीतेगी तो कुछ लोगों ने यह भी कहा कि इस बार बदलाव होगा और बहुत सारे ऐसे लोग भी हैं जो चुपचाप अपना मतदान करना चाहते हैं किसी भी नेता और दल के बारे में कुछ बोलने को तैयार नहीं है बीते विधानसभा चुनाव के बाद से भाजपा प्रचंड विजय अभियान लेकर लोकसभा चुनाव मैदान में है तो वहीं हारी हुई कांग्रेस लोकसभा चुनाव में वापसी करने के लिए संघर्ष कर रही है राजधानी भोपाल लोकसभा सीट हो या राजगढ़ या फिर विदिशा ऐसी हाईप्रोफाइल लोकसभा सीटों में भी अभी चुनावी पारा नहीं चढ़ा है और सन्नाटा नजर आता है।
मुद्दे की बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने अभूतपूर्व सफलता हासिल की है और तीसरी बार नरेंद्र मोदी 400 पार का नारा देकर चुनाव मैदान में हैं मोदी सरकार की कुछ योजनाएं ऐसी हैं जो वोट बैंक का मजबूत आधार है खासकर गरीब तबके के मतदाताओं में भाजपा सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं काफी असरदार साबित हुई है लगभग सभी भाजपा प्रत्याशी मोदी सरकार की लकप्रियता के के दम पर चुनाव मैदान में टिके हुए हैं तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी भाजपा सांसद की विफलताओं, बेरोजगारी, महंगाई जैसे मुद्दों को सामने लाकर चुनाव लड़ रही है देखा जाए तो 2014 से लेकर अब 2024 तक बेरोजगारों की काफी संख्या बढ़ी है और महंगाई भी बेतहाशा बढ़ी है कांग्रेस पार्टी भले ही मजबूत स्थिति में नजर ना आ रही हो लेकिन सत्ता परिवर्तन वाले वोट कांग्रेस पार्टी के लिए संजीवनी का काम करेंगे दिग्विजय सिंह और कमलनाथ जैसे नेताओं की प्रतिष्ठा भी इस बार दांव पर लगी है इसी तरह मध्य प्रदेश की आधा दर्जन से अधिक लोकसभा सीटों पर कांग्रेस भाजपा को कड़ी टक्कर दे रही है यहां अगर आंकड़ा 50-50 का भी हुआ तो भाजपा के 29-0 का प्लान अधूरा रह जाएगा।