MP news, लोकसभा चुनाव 2024 में आधा दर्जन से अधिक MP की इन सीटों पर कांग्रेस पलट सकती हैं बाजी।

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MP news, लोकसभा चुनाव 2024 में आधा दर्जन से अधिक MP की इन सीटों पर कांग्रेस पलट सकती हैं बाजी।

लोकसभा सीट, छिंदवाड़ा, राजगढ़, मंडला, झाबुआ, रतलाम, सीधी, सतना, मुरैना, ग्वालियर, भिंड, लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस बेहतर।

मध्यप्रदेश की 29 लोकसभा सीटों पर भाजपा 29 में 29 सभी लोकसभा सीटों पर जीत का दावा कर रही है लेकिन भाजपा के इस दावे को परिणाम आने तक परखना होगा देखा जाए तो लोकसभा चुनाव 2019 के मुकाबले 2024 के चुनाव में मतदान का प्रतिशत कुछ सीटों पर छोड़ दें तो अधिकांश सीटों पर घटा है इस चुनाव में जनता में उत्साह भी देखने को नहीं मिला तो वहीं भाजपा में नेताओं की अंतर्कलह और सांसदों का उनके क्षेत्र में व्यक्तिगत विरोध होना इस बात का संकेत देता है कि भाजपा की कई लोकसभा सीटों पर हार का खतरा मंडरा रहा है मध्यप्रदेश की उन लोकसभा सीटों में, छिंदवाड़ा, राजगढ़, मंडला, रतलाम, सीधी, सतना, मुरैना, ग्वालियर, झाबुआ, भिंड, लोकसभा क्षेत्र है जहां कांग्रेस बेहतर प्रदर्शन करती नजर आई है इन सीटों पर देखा गया था कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा कांग्रेस बनाम भाजपा नहीं बल्कि कांग्रेस बनाम नरेंद्र मोदी का जनता के बीच माहौल बनाने का जबरदस्त तरीके से काम किया गया था राजनीतिक गलियारे में इस बात की चर्चा हो रही है कि इस बार भारतीय जनता पार्टी के पास ऐसा कोई बड़ा मुद्दा नहीं था जो जनता को मतदान के लिए मतदान केंद्र तक खींच ले लाए देखा जाए तो बीते 2019 के लोकसभा चुनाव में पुलवामा की घटना और अन्य कई ऐसे मुद्दे थे जो जनता को मतदान केन्द्र तक खींच ले गये उस दौरान ऐसा लग रहा था कि मतदाता आतंकवाद के खिलाफ वोट कर रहा है लेकिन इस बार इस तरह का कोई उत्साह का माहौल मतदान को लेकर कम देखा गया ऐसे में यह माना जा सकता है कि भाजपा के वोट बैंक में कुछ गिरावट देखने को मिलेगी जिससे कांग्रेस को कई लोकसभा क्षेत्रों में लाभ होगा और लगभग डेढ़ दर्जन लोकसभा सीट पर नजदीकी मुकाबला है परिणाम आधे आध भी हुआ तो भाजपा का 29 जीरो प्लान फेल हो जाएगा।

देखा गया सांसदों का विरोध और अंतर्कलह।

जब राजनीतिक दलों के अंदर गुटबाजी की बात सामने आती है तो कांग्रेस पार्टी इसमें सबसे पहले पायदान पर है लेकिन कांग्रेस पार्टी के लिए गुटबाजी कोई नई बात नहीं है कांग्रेस पार्टी की गुटबाजी सदन से लेकर सड़क तक देखने को मिल जाती है और लोगों को पता है कि कांग्रेस पार्टी में अंतर कलह किस तरह है कांग्रेस पार्टी के लोकसभा उम्मीदवार अपनी ही पार्टी के नेताओं कार्यकर्ताओं के निशाने में रहते हैं लेकिन इस बार मध्य प्रदेश में ऐसी कई लोकसभा सीट है जहां भाजपा के सांसदों का अपनी ही पार्टी में विरोध था इस लोकसभा चुनाव में इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता की भाजपा में अंतर कलह नहीं था कई जिलों में सत्ता और संगठन के बीच खींचतान चल रही है भले ही खुलकर विरोध नहीं हुआ लेकिन इसका असर प्रचार के दौरान देखा गया जहां बड़े नेता से लेकर
बूथ लेवल पर पन्ना प्रमुख तक सुस्ती छाई रही है जिसके कारण भाजपा कई लोकसभा सीटों में अपना पिछला लोकसभा परिणाम दोहरा पाएगी लेकिन नजदीकी मुकाबले में जीत का बहुत बड़ा अंतर देखने को नहीं मिलेगा , तो वहीं लगभग दस लोकसभा सीट पर कांग्रेस पार्टी मजबूत स्थिति में है एसे में भाजपा इन सभी कांटे की टक्कर वाली लोकसभा सीट जीतने में कामयाब होगी यह परिणाम आने पर ही पता चलेगा।

इन सीटों पर कांग्रेस दे रही भाजपा को कड़ी टक्कर।

मध्यप्रदेश की छिंदवाड़ा लोकसभा सीट कांग्रेस पार्टी से अधिक पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के लिए महत्वपूर्ण है छिंदवाड़ा लोकसभा सीट छीनके लिए भाजपा ने खूब पसीना बहाया है लेकिन कमलनाथ अपनी लोकसभा सीट बचाने में तब भी कामयाब नजर आ रहे हैं कांग्रेस के दूसरे बड़े नेता दिग्विजय सिंह अपनी पुरानी लोकसभा सीट राजगढ़ से प्रत्याशी थे दिग्विजय सिंह के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा से जुड़ा था और जनता ने भी अंदर ही अंदर दिग्विजय सिंह को लोकसभा चुनाव जीतने लायक मतदान किया है राजगढ़ लोकसभा में सांसद रोडमल नागर से दिग्विजय सिंह चुनाव जीत सकते है इस बात की चर्चा अधिक हो रही है तो वहीं महाकौशल क्षेत्र की मंडला लोकसभा सीट पर केंद्रीय मंत्री रहे फग्गन सिंह कुलस्ते का चुनाव भी फंसा नजर आ रहा है ग्वालियर चंबल क्षेत्र में भी इस बार भाजपा की जीत आसान नहीं है बताने वाले तो यह भी कहते हैं कि सिंधिया का भी चुनाव फंसा है लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया के चुनाव हारने की गुंजाइश कम दिखती है इसके अलावा ग्वालियर भिंड और मुरैना लोकसभा सीट पर भाजपा के मुकाबले कांग्रेस कमजोर नहीं है यहां यह कहा जा सकता है कि परिणाम आधे-आधे का भी हो सकता है इसी तरह मालवा निमाड़ क्षेत्र में पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतीलाल भूरिया इस बार मजबूत स्थिति में दिखाई दे रहे हैं जिसके कारण मालवा निमाड़ क्षेत्र की दो लोकसभा सीट भाजपा को कांटे की टक्कर दे रही है, इसके अलावा विंध्य क्षेत्र में सीधी लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी कमलेश्वर पटेल की बेहतर पोजीशन बताई जा रही है और दूसरी सीट सतना जहां भाजपा सांसद गणेश सिंह का स्थानीय स्तर पर विरोध होने के चलते कांग्रेस प्रत्याशी सिद्धार्थ कुशवाहा मजबूत स्थिति में है लेकिन यहां तीसरी पार्टी बसपा से भाजपा के पूर्व बागी विधायक नारायण त्रिपाठी ने ऐन वक्त पर बसपा प्रत्याशी के रूप में मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है जिसके चलते कांग्रेस के वोट बंट गए और भाजपा को लाभ मिला है लेकिन भाजपा की जीत अभी भविष्य की गर्त में है कांग्रेस यहां भी त्रिकोणीय मुकाबले में कांटे की टक्कर में है।

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