खरी खरी।। मोदी की गारंटी को मतदान प्रतिशत ने दिखाया ठेंगा, 400 पार तो दूर 250 पार करना लग रहा कठिन।
खरी खरी।। मोदी की गारंटी को मतदान प्रतिशत ने दिखाया ठेंगा, 400 पार तो दूर 250 पार करना कठिन।
केशरिया पलटन को चुनाव से पहले इतना गुमान था कि वो जंग जीत लेंगे। जमीनी हकीकत टटोलने में उनकी टीम नाकाम रही। भाजपा जो अब सिर्फ मोदी और शाह की कठपुतली बन कर रह गई है उनका नारा था हर पोलिंग में 370 वोट चाहिए पन्ना प्रमुख से लेकर पेज प्रमुख तक और बड़े बड़े दिग्गजों को जिम्मेदारी दी गई थी कि इस बार भाजपा हर सीट पर 50 फीसदी वोट हासिल कर 400 पार पहुंचे। दुर्भाग्य यह है कि जब पोलिंग बूथों पर 370 वोट ही नहीं पड़े तो बीजेपी के इस नारे की हवा निकल गई। सियासी जानकर तो यहां तक दावा करते हैं कि बीजेपी सरकार बना ले यही बहुत है !
तो अब क्या मोदी मैजिक का हो रहा सूर्य अस्त- ?
राम मंदिर, हिंदुत्व और देश को पांचवी अर्थ व्यवस्था बनाने के अलावा कुछ अन्य मुद्दों को लेकर भाजपा चुनावी समर में उतरी है लेकिन उसे महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दे नजर ही नहीं आते।
देश का युवा नाराज है, महिलाएं घर चलाने के लिए संघर्ष कर रही हैं। तमाम समस्याओं से देश जूझ रहा है। जनता को लच्छेदार भाषणों से ज्यादा दिन तक बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता। अब विचारणीय बात है कि मोदी का मैजिक अगर होता तो मतदाता पोलिंग बूथ पर टूट पड़ते लेकिन सामान्य वर्ग के वोटरों में से ज्यादातर वोटर घर से बाहर नहीं निकल रहा ! यही वजह है कि वोट का प्रतिशत औंधे मुंह गिर गया। भाजपा दावा कर रही थी कि इस बार 50 फीसदी वोट सभी लोकसभा क्षेत्रों में लेकर भाजपाई रिकॉर्ड बनाएंगे, लेकिन हकीकत यह है कि कई लोकसभा सीट पर 50 प्रतिशत मतदान ही नहीं हुआ, ऐसे में मोदी और शाह के हसीन सपनों का सीसा पिघलता नजर आ रहा है।
मोदी की गारंटी को मतदान प्रतिशत ने दिखाया ठेंगा।
भाजपा के कार्यकर्ता ही घर से नहीं निकले और पार्टी के प्रत्याशी इस घमंड में चूर थे कि भले ही वे अपने कार्यकाल में एसी में टांग पसार कर सो रहे थे की मोदी के नाम पर चुनाव जीत ही जायेंगे। जनता गई भाड़ में क्या लेना देना, मगर दांव उल्टा पड़ता नजर आ रहा है मतदाता भी सोचे तपती दुपहरी में लू के थपेड़े कौन झेले चुपचाप खाकर सो जाओ और ऐसा ही हुआ। 2019 के चुनाव के मुकाबले मतदान का प्रतिशत ठेंगा दिखा दिया दरअसल इंडिया गठबंधन के द्वारा सरकार को घेरते हुए चुनाव में महंगाई, बेरोजगारी,जैसे उठाए गये ! इन गम्भीर मुद्दों से भाजपा के अंदर भी उसका डर साफ दिख रहा है। ऐसे में चुनाव शुरू होने से पहले पीएम मोदी के मैजिक पर बड़ा भरोसा रखते हुए मोदी के गारंटी की बात करते करते अंततः एक बार फिर भाजपा सरकार के 10 वर्षों की उपलब्धि को बताने की जगह अब सीधे तौर पर देश के भीतर उठ रहे ज्वलंत मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए भाजपा राममंदिर,हिंदुत्व सरीखे धार्मिक मुद्दे को लेकर चल पड़ी और उसके साथ ही भारत को विश्वशक्ति बनाने के सपने दिखा कर सत्ता में वापसी की कोशिश में लगी हुई है।
400 पार तो दूर 250 पार होना कठिन।
बता दें कि देश में 18वीं लोकसभा के लिए हो रहे चुनाव में नतीजतन वोट का प्रतिशत काफी नीचे लुढ़क गया है। शुक्रवार को 13 राज्यों एवम केंद्र शासित प्रदेश के कुल 88 सीटों पर मतदान हुआ लेकिन वोट महज 64.64फीसदी ही पड़े। सर्वाधिक मतदान त्रिपुरा में 70.93 प्रतिशत रहा जबकि सबसे कम वोट यूपी, बिहार और महाराष्ट्र में पड़े। इन राज्यों में महज 53 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। ज्ञात हो कि 2019 में इन्हीं राज्यों में 70 फीसदी मतदान हुआ था 2019 के लोकसभा चुनाव में पुलवामा की घटना और सर्जिकल स्ट्राइक का माहौल ऐसा बन गयाथा कि हर मतदाता सैनिक बनकर अपने मत के जरिए पाकिस्तान को कूट रहा था लेकिन इस बार घटते मतदान प्रतिशत को लेकर अब सवाल यह है कि मोदी सत्ता बचा पाएंगे कि नहीं। भाजपा खेमे में जहां बैचेनी है वहीं इंडिया गठबंधन के हौसले बुलंद हैं तो वहीं कम मतदान होने से अमित शाह सहित भाजपा शीर्ष नेतृत्व परेशान है वर्तमान हालत देखकर लगता है कि 400 पार तो बहुत दूर है 250 पार होना ही मुश्किल नजर आ रहा है।
लेखक -मिथिलेश त्रिपाठी पत्रकार
जिला – मऊगंज मध्यप्रदेश