Rewa news कूटरचित दस्तावेज से प्रमोशन लेने की शिकायत, नोटिस जारी!

Rewa news कूटरचित दस्तावेज से प्रमोशन लेने की शिकायत, नोटिस जारी!
आरईएस के कार्यपालन यंत्री ने नहीं दिया जवाब
रीवा . ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के कार्यपालन अधिकारी पर कूटरचित दस्तावेज लगाकर प्रमोशन लेने का आरोप लगाया गया है। इस आशय की शिकायत संभागायुक्त एवं विभाग के मुख्यालय भेजी गई है। वहां से कार्यपालन यंत्री टीपी गुर्दवान को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। अब तक कई नोटिस जारी किए जाने के बाद भी उनकी ओर से जवाब नहीं दिया गया है। इसके चलते अधीक्षण यंत्री की ओर से मुख्यालय को पूरी जानकारी से अवगत कराया गया है और कहा गया है कि इस मामले में उच्च स्तर से ही कार्रवाई तय की जाए।
मामले में आरटीआइ एक्टिविस्ट शिवानंद द्विवेदी ने संभागायुक्त, कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ एवं विभाग के मुख्यालय को शिकायत भेजकर आरोप लगाया था कि एएमआईई की डिग्री जो टीपी गुर्दवान ने लगाई है उसके दस्तावेज संदेहास्पद हैं। वह विभाग में सेवारत थे और परीक्षा में बैठने संबंधी कोई कोई अनुमति नहीं ली थी। दो विषयों की परीक्षा बिना अनुमति के लिए देने के मामले में भी जांच की मांग उठाई गई है। यह भी आरोप है कि अन्य डिग्रियों को लेकर भी विभाग से अनुमति नहीं ली थी। नियुक्ति के समय शैक्षणिक योग्यता के कालम में एमए सोशियोलॉजी का भी उल्लेख सेवा पुस्तिका में है लेकिन उक्त परीक्षा की भी अनुमति नहीं है। सेवा पुस्तिका के प्रथम दो पृष्ठों में प्रथम हस्ताक्षर वर्ष 1984 में दर्ज होना पाया गया है जिसका तात्पर्य यह है की इनकी नियुक्ति 1984 अथवा इसके पहले हुई है लेकिन नियुक्ति के समय शैक्षणिक योग्यता वाले कालम में एमए डिग्री (वर्ष 1994 एवं 95) में एपीएसयू रीवा से सोशियोलॉजी में प्राप्त होना बताया गया है। मामले में संभागायुक्त ने आरईएस के अधीक्षण यंत्री से जांच कर प्रतिवेदन मांगा है। अधीक्षण यंत्री ने कई नोटिस टीपी गुर्दवान को दिए लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया है। इसी तरह जिला पंचायत सीईओ ने भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। उस पर भी जानकारी नहीं दी गई है।
शिकायतकर्ता शिवानंद ने बताया कि करीब दर्जनभर की संख्या में अलग-अलग नोटिस कार्यपालन यंत्री टीपी गुर्दवान को दी गई है। वह जवाब नहीं दे रहे हैं और विभाग भी कार्रवाई के बजाए उनके सेवानिवृत्ति का इंतजार कर रहा है। कुछ महीने ही सेवा के बचे हैं। इस संबंध में गुर्दवान से भी पक्ष जाना गया लेकिन उनकी ओर से किसी तरह की प्रतिक्रिया से इनकार किया गया है।