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Rewa news:राजस्व न्यायालय में सन्नाटा,राजस्व अधिकारी 3 दिन के सामूहिक अवकाश पर गए, बैरंग लौटे फरियादी!

Rewa news:राजस्व न्यायालय में सन्नाटा,राजस्व अधिकारी 3 दिन के सामूहिक अवकाश पर गए, बैरंग लौटे फरियादी!

 

 

 

 

 

रीवा. राजस्व अधिकारियों ने तीन दिन के सामूहिक अवकाश की घोषणा के मुताबिक सोमवार से काम बंद कर दिया। शहर के साथ ही जिलेभर के राजस्व अधिकारियों के कार्यालयों में भीड़ नहीं रही। कुछ लोग इस हड़ताल के बारे में नहीं जान पाए थे इस कारण वह पेशी में पहुंच गए लेकिन सभी की पेशियां आगे बढ़ा दी गई हैं। कुछ अधिकारी कलेक्ट्रेट स्थित कार्यालय पहुंचे जरूर थे लेकिन उन्होंने कोई सरकारी काम नहीं किया।

 

 

 

 

 

बनकुइयां वृत्त के नायब तहसीलदार के यहां आए रामबहोर पटेल ने बताया कि उन्हें जानकारी नहीं थी, इसलिए आए लेकिन अब वापस लौट रहे हैं। महेश प्रसाद ने कहा कि उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से एक दिन पहले ही जानकारी हो गई थी कि राजस्व अधिकारी हड़ताल पर रहेंगे लेकिन रीवा दूसरे कार्यों के चलते आए थे तो कलेक्ट्रेट भी आ गए। अधिकांश राजस्व अधिकारियों के चेंबर के बाहर लगने वाली भीड़ नजर नहीं आई। बीच-बीच में लोग आते रहे और पेशी आगे बढ़ाए जाने की सूचना के बाद वापस लौट गए। राजस्व अधिकारियों ने 13 से 15 जनवरी तक तीन दिवसीय सामूहिक अवकाश पर जाने की घोषणा की थी। इनका कहना है कि राजस्व मंत्री ने सार्वजनिक मंच से महिला अधिकारी के लिए अमर्यादित टिप्पणी की है और उन पर कार्रवाई भी की गई है। घटनाक्रम से प्रदेशभर के राजस्व अधिकारी आहत हैं। विरोध स्वरूप इस तरह से हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया गया है।

 

 

 

 

 

कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया

मध्यप्रदेश राजस्व अधिकारी कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ की ओर से सामूहिक हड़ताल को लेकर सुबह कलेक्ट्रेट कार्यालय खुलते ही कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। इस दौरान राजस्व अधिकारियों ने कलेक्टर को बताया कि प्रदेशव्यापी तीन दिवसीय सामूहिक अवकाश पर जाने का निर्णय संगठन की ओर से लिया गया है। इस कारण रीवा जिले में भी तीन दिनों तक राजस्व अधिकारी किसी तरह के सरकारी कार्य में हिस्सा नहीं लेंगे। मंत्री की टिप्पणी पर अधिकारियों ने नाराजगी जाहिर की है।

 

 

 

 

प्रोटोकाल में आए अधिकारी

मुख्यमंत्री का रीवा में कार्यक्रम होने की वजह से कई राजस्व अधिकारी प्रोटोकाल के तहत शामिल हुए। देर रात तक वह मुख्यमंत्री के साथ रहे। इस पर अधिकारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री के प्रोटोकाल में रहना जरूरी होता है। तीन दिवसीय सामूहिक अवकाश के तहत न्यायालय और अन्य रूटीन कार्य नहीं करेंगे।

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