भोपाल

Bhopal news: हर साल 14,000 ट्रामा मरीज, ओवरलोडेड हैं भोपाल के अस्पताल

हर साल 14,000 ट्रामा मरीज, ओवरलोडेड हैं भोपाल के अस्पताल

भोपाल: आज विश्व आघात दिवस (World Trauma Day) है, जिसका उद्देश्य दुर्घटनाओं और चोटों के कारण होने वाली मृत्यु और विकलांगता की दर को कम करना है। लेकिन भोपाल में ट्रामा के मरीजों की देखभाल खुद एक चुनौती बन गई है। एस अस्पताल और हमीदिया अस्पताल के ट्रामा सेंटर ओवरलोडेड हैं, जहां हर साल करीब 14,000 ट्रामा मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं।

बेड की कमी और इलाज में देरी

इन दोनों अस्पतालों में 70% तक इमरजेंसी केस आते हैं, जो न केवल भोपाल बल्कि आसपास के तीन अन्य जिलों से भी होते हैं। मरीजों की संख्या अधिक होने के कारण बेड की कमी हो जाती है, जिससे घायल मरीजों को समय पर इलाज मिलने में देरी होती है।

नई पॉलिसी, लेकिन सिर्फ कागजों में

इस स्थिति को सुधारने के लिए एस, भोपाल ने “वन स्टेट, वन हेल्थ, वन इमरजेंसी” पॉलिसी तैयार की है। यह पॉलिसी पूरे राज्य में इमरजेंसी सेवाओं को एकीकृत करने का प्रयास है। हालांकि, अभी तक इस पॉलिसी का प्रभाव धरातल पर नहीं दिखा है और यह कागजों में ही सीमित है।

चुनौती बरकरार: भोपाल के अस्पतालों में ट्रामा मरीजों के लिए सुविधाएं बढ़ाना और समय पर उपचार उपलब्ध कराना एक प्रमुख जरूरत बनी हुई है। यह समस्या न केवल स्थानीय स्वास्थ्य सेवाओं के लिए, बल्कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के भविष्य के लिए भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा है।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button