इंदौरभोपाल

MP news:एमपी-पीएससी ने 7 साल में 73% कम किए पद, युवाओं का मोहभंग!

MP news:एमपी-पीएससी ने 7 साल में 73% कम किए पद, युवाओं का मोहभंग!

 

 

 

 

 

 

 

2019 में 571 पदों पर भर्ती, 3.66 लाख आवेदन, 2025 में 158 पदों पर 1.18 लाख ही

इंदौर. प्रशासनिक सेवाओं की प्रदेश में होने वाली सबसे बड़ी परीक्षा से युवाओं का मोह टूट रहा है। यह मप्र लोक सेवा आयोग (एमपी-पीएससी) की कार्यशैली से हो रहा है। एमपी-पीएससी 7 साल से हर साल राज्य सेवा परीक्षाओं में पद कम कर रहा है। 2019 में जहां पीएससी ने 571 पदों के लिए परीक्षा ली, वहीं 2024 में महज 260 पदों के लिए ही आवेदन मांगे। 2025 तक यह संख्या सिमटकर 158 पर पहुंच गई। यानी, पदों की संख्या 73 प्रतिशत तक कम कर दिए गए।

 

 

 

 

 

 

हालांकि 7 बरसों में महज 2022 में पद बढ़ाए और 457 पदों पर आवेदन मांगे। नतीजा, 2019 में जहां आवेदकों की संख्या 3.66 लाख थी। 2025 में 68% घटकर 1.18 लाख रह गई। जानकारों की मानें तो अभ्यर्थियों की लगातार घट रही संख्या के प्रमुख कारणों में परीक्षाओं की लंबी प्रक्रिया चलना, नियुक्तियां समय पर न होना और पदों की संख्या कम होना है। आयोग के लचर रवैये के बीच युवाओं ने लगातार पद बढ़ाने की मांग की। कई बार प्रदर्शन किया, लेकिन आयोग पद कम ही करता रहा। अब आयोग तर्क दे रहा है, विभागों से जानकारी आने के बाद पद संख्या में बढ़ोत्तरी हो सकती है।

 

 

 

 

 

 

87/13 का फॉर्मूला अहम
एक्सपर्ट कृष्णा सिंह बताते हैं, 2019 में राज्य सरकार ओबीसी आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 फीसदी किया। इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगी। सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आरक्षण पर रोक लगा दी थी। इसके बाद आयोग ने 87:13 का फॉर्मूला तैयार कर नियुक्ति प्रदान कर दी। इसके तहत 2019 से हो रही हर परीक्षा में 87 फीसदी रिजल्ट जारी किए जा रहे हैं, 13 फीसदी होल्ड पर हैं। इसलिए भी युवाओं का मनोबल टूटा।

 

 

 

 

 

विभाग से जो पद आते हैं, उसी पर मांगते आवेदन
आयोग के पास विभागों से जो पद आते हैं, उस पर विज्ञापन जारी होता है। 87/13 का फॉर्मूला हाईकोर्ट में लंबित है।

रवींद्र पंचभाई, ओएसडी, मप्र लोक सेवा आयोग

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