MP news, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने EWS आरक्षण को लेकर सरकार पर किया प्रहार प्रधानमंत्री को लिखा पत्र।

0

MP news, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने EWS आरक्षण को लेकर सरकार पर किया प्रहार प्रधानमंत्री को लिखा पत्र।

भारत देश में सामान्य वर्ग के गरीब लोगों को मिलने वाले EWS आरक्षण पर कांग्रेस नेता राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कई तरह से सवाल खड़े किए हैं इस संबंध में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में केंद्र सरकार में ईडब्ल्यूएस आरक्षण में आयु में छूट सहित अन्य मुद्दों पर ध्यान आकृष्ट कराते हुए लिखा है कि भारत सरकार द्वारा 2019 से लागू EWS आरक्षण धरातल पे महज एक दिखावा बन के रह गया हैं अन्य वर्गों की तरह EWS आरक्षण के अभ्यर्थियों को आयु सीमा में कोई छूट नहीं है पूर्व सीएम के मुताबिक EWS श्रेणी मे महिला अभ्यार्थियों कि संख्या भी अन्य वर्ग के मुक़ाबले कम हैं। जब जनसंख्या में आधे हिस्सेदारी करने वाली EWS महिलायें प्रशासनिक पदों पर उचित प्रतिनिधित्व से वंचित रहेंगी तो केंद्र के प्रमुख जयघोष “बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओं के लक्ष्य की हार होगी।

दिग्विजय सिंह ने लिखा है कि संपूर्ण सवर्ण समाज और पूरे देश की 671 ओ.बी.सी जातियाँ जो राज्य सरकार की सूची में ओ.बी.सी हैं, लेकिन केंद्र सरकार के लिए ईडब्ल्यूएस आरक्षण के अंतर्गत आती हैं, जो पूरे देश की कुल ओ.बी.सी आबादी का 1/5 हिस्सा हैं, उन्हें आयु में छूट के लाभ से वंचित किया जा रहा है, EWS में उचित उम्र सीमा में समुचित छूट न होने कि वजह से धरातल पर वंचित वर्ग को, इसका सम्पूर्ण लाभ नहीं मिल पा रहा है।केंदीय EWS के लिए प्रत्येक लाभार्थी के पास आय और सम्पति की दोहरी मापदंड की पात्रता होनी चाहिए। EWS की प्रारंभिक क्रियान्वयन से ही इसमें उम्र सीमा में छूट की मांग होती रही है। तब केंद्र सरकार ने विचार विमर्श और इसके प्रभाव के अध्ययन के बाद समुचित कार्यवाही का आश्वासन दिया था।

दिग्विजय सिंह ने कई जातियाँ बताई हैं जिसमें मराठा, पटेल-पाटीदार, रेड्डी, ब्राह्मण, बनिया, राजपूत, कप्पा, उप्र–हरियाणा के जाट और कई राज्यों में घोषित ओबीसी जातियाँ केंद्र सरकार में ईडब्ल्यूएस में शामिल है जो पूरे देश की लगभग 30-35% आबादी है इन सभी जातियों के लिए केंद्र सरकार को संपूर्ण न्याय दिया जाना चाहिए।

 

- Advertisement -

Leave A Reply

Your email address will not be published.