jabalpur news : विधायक पर धमकाने, गुंडों से पिटवाने का आरोप,सामूहिक इस्तीफा की पेशकश करने कलेक्ट्रेट पहुंचे पटवारी
jabalpur news : पनागर विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुशील तिवारी इंदु के कार्यालय में एक पटवारी के साथ हुई मारपीट के मामले ने शुक्रवार को तूल पकड़ लिया। पटवारियों ने मोर्चा खोल साथी के साथ पिटाई के विरोध कलेक्ट्रेट पहुंंचकर सामूहिक इस्तीफा की पेशकश कर दी। पटवारियों की सुरक्षा मामले में कार्रवाई की मांग उठाई। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने पटवारी की शिकायत सुनने के बाद आश्वासन दिया है कि वह इस पूरे मामले की जांच कराएंगे और जांच में जो तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जायेगी। पीडि़त पटवारी का आरोप है कि पनागर विधायक ने एक जमीन की मन माफिक रिपोर्ट नहीं बनने पर कार्यालय में बुलाकर अभद्रता की और वहां मौजूद गुर्गों से पिटवाया। साथ ही जान से मारपीट की धमकी दी। कलेक्टर ने पटवारी की शिकायत सुनने के बाद आश्वासन दिया है कि वह इस पूरे मामले की जांच कराएंगे और इसके बाद फिर अग्रिम कार्रवाई के लिए निर्णय लेंगे।
क्या है मामला
अधारताल तहसील में पदस्थ पटवारी प्रवीण सिंह के मुताबिक एक शासकीय जमीन पर कब्जे की जांच तहसीलदार ने सौंपी थी, जांच करने के बाद पंचनामा बनाया और तहसीलदार को सौंप दिया यहां ढाई सौ घरों की बस्ती है। जिसके बाद पनागर विधायक कार्यालय से फोन आया तो वह दमोहनाका स्थित कार्यालय पहुंचा जहां विधायक ने कहा कि जैसे रिपोर्ट बनाने के लिए बोला गया था वैसी रिपोर्ट नहीं बनाई। इस दौरान विधायक ने अभद्रता करते हुए धमकाया और वहां मौजूद लोगों से उसकी पिटाई कराई। इतना ही नहीं दूर दराज ट्रांसफर कराने की धमकी देते हुए जान से मारने तक की धमकी दी।
भडक़ा आक्रोश, घेरा कलेक्ट्रेट
जब पटवारी प्रवीण सिंह के साथ मारपीट की खबर जिले के पटवारियों तक पहुंची तो आक्रोश भडक़ गया। बड़ी संख्या में पटवारियों ने कलेक्ट्रेट का घेराव कर दिया और अपने इस्तीफा देने की पेशकश कर दी और कार्रवाई की मांग की।
विधायक बोले, आरोप निराधार
विधायक इंदू तिवारी ने कहा कि कार्यालय परिसर के अंदर किसी प्रकार की कोई मारपीट की घटना नहीं हुई है। कार्यालय में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं आरोप निराधार हैं। पटवारी से संबंधित बहुत सारी शिकायतें क्षेत्रीय लोगों द्वारा की गई हैं। कुदवारी में खसरा नंबर 159 की जांच रिपोर्ट बनाने पटवारी प्रवीण सिंह गया था जिसने यहां की जमीन को समुदाय विशेष को बेच दी थी। लेकिन पटवारी द्वारा खसरा नंबर 159 की जगह 158 खसरा नंबर की जांच रिपोर्ट बनाकर तहसीलदार के समक्ष पेश की गई।